ओडिशा के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीकांत जेना को कांग्रेस ने पार्टी विरूद्ध बयान देने के लिए निलंबित कर दिया है. जेना केन्द्र में यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्री रह चुके है. जेना ने राज्य में खनन घोटाले को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया है. पार्टी ने जेना के साथ ही राज्य के दलित नेता करूशना चंद्र सागरिया को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. सागरिया कोरापुट विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पार्टी के अनुशात्मक समिति के संयोजक अनंत प्रसाद सेठी ने इसकी घोषणा की. 

उधर जेना और सागरिया को आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की मंजूरी के बाद ही पार्टी से निलंबित किया गया है.क्योंकि उन्होंने राज्य कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी. जेना ने खुलेतौर पर राहुल गांधी पर खनन माफिया को समर्थन देने का आरोप लगाया था. जेना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राज्य की बीजू जनता दल को समर्थन देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दो पटनायक एक नवीन पटनायक और दूसरा राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक का परिवार राज्य में राज कर रहा है. असल में जेना को राज्य की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किए जाने के बाद उन्होंने पहली मांग यही की थी कि 2019 के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में एक आदिवासी, अनुसूचित जाति या अन्य पिछड़ी जाति के व्यक्ति नियुक्त किया जाना चाहिए.

जबकि नवीन, दिवंगत कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री जेबी पटनायक सहयोगी के पास कोई योग्यता नहीं हैं. जेना ने कहा कि वह चाहते थे कि खनन के लीज को खत्म कर दिया जाए, लेकिन नवीन पटनायक के भाई और परिवार के लोग अभी भी इस कारोबार को सफलतापूर्वक चला रहे हैं. क्योंकि ये काफी मुनाफे का सौदा है. इस कारण उन्हें उनके पद से हटाया गया और इसके लिए उन्होंने पटनायक को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है, पार्टी ने मुझे निलंबित किया गया है और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुझे निलंबित करने का फैसला किया है. क्योंकि मैंने खनन माफिया के खिलाफ मोर्चा लिया था और वह पिछले दस साल से इस खनन माफिया के पीछे खड़े मुख्य कर्ताधर्ता हैं.

यह राज्य ही नहीं बल्कि देश में सबसे बड़ा खनन घोटाला है और यह दो लाख करोड़ रुपए का घोटाला है. मैंने राहुल गांधी से उन लोगों को समर्थन देने को मना किया है. उन्होंने कहा कि “मैं उड़ीसा (ओडिशा) के उन लोगों को चुनूंगा जो गरीबी में जी रहे हैं. कभी कांग्रेस पार्टी उन लोगों की तरफ हुआ करती थी, लेकिन अब राज्य की लूट करने वालों की तरफ है. राज्य पर दो पटनायक परिवार पिछले 40 वर्षों राज कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने (राहुल गांधी) राज्य के अध्यक्ष की रिपोर्ट को चुना. लेकिन मैंने उनसे अदालत को रिपोर्ट और लोगों के साथ रहने की बात कही. लेकिन उन्होंने मुझे पार्टी से निकाल दिया. जबकि मैने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी.

जब उनसे पूछा गया है कि क्या उन्हें राहुल गांधी और कांग्रेस से शिकायत हैं तो उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 को उन्होंने राहुल गांधी को पिछले चालीस साल से राज्य के हालत को लेकर पत्र लिखा था. मैंने राज्य की गरीबी और पिछड़ेपन को सुधारने क लिए कहा था और मैं राहुल गांधी से व्यक्तिगत तौर पर भी मिला और राज्य के हालत बताए लेकिन कुछ नहीं हुआ और उन्होंने बीजेडी को समर्थन दिया है. जेना ने कहा कि बीजेडी राज्य में बीस साल से राज कर रही है और कहां भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति है. ओडिशा देश का सबसे गरीब राज्य हो गया है और मैने राहुल गांधी को इस बिंदू पर कई शिकायतें भेंजी, लेकिन उन्होंने नहीं सुना.

उन्होंने राहुल गांधी को उनके अगले महीने होने वाले दौरे से पहले जनता के सामने बेनकाब करने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि वह 25 तारीख को आ रहे हैं और इससे पहले वह(जेना) जनता के बीच जाकर सब कुछ बताएंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस तरह के लोगों से क्यों हाथ मिलाया है और मैंने इस तरह के हालत नहीं देखें. जनता पर आपका क्या प्रभाव पड़ रहा है. क्योंकि पूरे देश में आप भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की बात कर  रहे हैं जबकि राज्य में आप भ्रष्टाचार से समझौता कर रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास आरोपों का कोई सबूत है तो पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा क्या अपराध है. जब राहुल गांधी ने मुझे घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया था तब मैंने कहा था कि माफिया को जेल भेजा जाएगा और उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा. लेकिन कांग्रेस पार्टी के साथ ही बीजेडी को यह मंजूर नहीं था.