अगर आप कहीं रेल से यात्रा करने की सोच रहे हैं और आपके बच्चे भी आपके साथ आने के जिद कर रहे हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आप अपने बच्चों को साथ ले जा सकते हैं. हालांकि आपको कोई कन्फर्म टिकट नहीं मिलेगा. लेकिन टीईटी भी आपको परेशान नहीं करेगा और ट्रेन में ही उसका टिकट बनवा सकते हैं. हालांकि ये सुविधा 5 से 12 साल के बच्चे के लिए ही मिलेगी.

 पिछले कुछ दिनों के भीतर रेलवे ने कई नई तरह की सुविधाएं यात्रियों को दी है. मसलन वृद्ध और ट्रांसजेंडरों के लिए छूट और महिलाओं के लिए नीचे के बर्थ. लेकिन अब रेलवे आपको एक और सुविधा देने जा रहा है. इसके तहत यात्रा के दौरान अगर आपके 5 से 12 साल के बच्चे के पास कोई टिकट नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं. क्योंकि बच्चों के लिए टिकट आप ट्रेन में टीईटी से बनावा सकते हैं. इसके लिए रेलवे ने एडवांस टिकट बुकिंग सिस्टम में बदलाव किया है. इसके तहत आप पहले से रिजर्व टिकट में परिजन अब बच्चों का नाम जुड़वा सकेंगे. हालांकि इस दौरान बच्चों को ट्रेन में सीट नहीं मिलेगी और यह सुविधा शताब्दी एक्सप्रेस में लागू नहीं होगी. असल में इसके लिए अरसे से रेलवे से मांग की जा रही  थी और अब रेलवे ने इसमें फैसला लिया है.

रेलवे ने ऐसे परिजनों की परेशानी को कम कर दिया है, जो किसी कारणवश एडवांस टिकट बुकिंग के समय अपने बच्चों का नाम टिकट में दर्ज नहीं करवाते थे या फिर ऐन मौके पर बच्चे आपके साथ चलने की जिद करने लगते हैं. अब ऐसे यात्रियों को बच्चों का नाम एडवांस में बुक की गई टिकट में जुड़वाने के लिए टिकट को रद्द नहीं कराना होगा. इसके लिए आप ट्रेन में बच्चों का टिकट बुक कर सकते हैं. इससे आपको टीईटी परेशान नहीं करेगा. इस सुविधा के तहत परिजनों को बच्चों का नाम रिजर्व टिकट में शामिल कराने के लिए आधा किराया देना होगा. अकसर परिजन 5 से 12 साल तक के बच्चों को कंफर्म टिकट में शामिल नहीं करा पाते थे. ऐसा करने के लिए उन्हें पहले कंफर्म टिकट रद्द कराना पड़ता था और फिर एक नया टिकट खरीदना पड़ता था. पहले से रिजर्व टिकट में बच्चों का नाम जुड़वाने पर बच्चों को ट्रेन में कंफर्म सीट नहीं मिलेगी. रिजर्व टिकट में नाम न दर्ज होने पर सफर के दौरान अगर चैकिंग होती थी तो टीटीई 5 से 12 साल के बच्चों को बिना टिकट मानकर जुर्माना वसूलते थे.