मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे मुंबई में आज राज्य की सत्ताधारी शिवसेना और सियासी दलों को अपनी ताकत दिखाएंगे। मनसे के तेवरों को देखते हुए लग रहा है कि वह शिवसेना का राज्य में विकल्प बनने जा रही है। क्योंकि मनसे से महाठी अस्मिता का अपना पुराना एजेंडा छोड़ दिया है और वह अब हिंदुत्व के एजेंडे के जरिए राज्य में अपनी नई शुरूआत करने जा रही है। इसका सीधा नुकसान सीधे तौर पर राज्य की सत्ताधारी शिवसेना को होगा।

मनसे ने राज्य में पार्टी का पहला अधिवेशन कर राज्य की सत्ताधारी शिवसेना को चुनौती थी और अब वह राज्य में आज पहली रैली करने जा रही है। मुंबई के आजाद मैदान पर होने वाली रैली में राज ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। माना जा  रहा है कि इस रैली में करीब दो लाख से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। इस रैली के लिए मनसे ने खास तैयारियां की है। इस रैली में शामिल होने के लिए भगवे रंग की टी शर्ट, टोपी और हाथ में बांधने वाली पट्टी तैयार की गई है। वहीं इसमें शिवाजी महाराज की राजमुद्रा का चिन्ह छपा है। जो हिंदू राष्ट्र क अवधारणा पर बना था।

तीन दिन  पहले ही मनसे से राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए ऐलान कर दिया था और धमकी दी थी वह राज्य और देश से बाहर निकल जाएं। इसके लेकर राज्य  में पोस्टर भी लगाए गए थे। लिहाजा राज ठाकरे और मनसे के तेवर को देखते हुए लगता है कि वह हिंदुत्व के मुद्दों के जरिए अपनी आक्रामक छवि बनाना चाहते हैं। मनसे ने इस रैली में महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों से लोगों को बुलाया है और उन्हें महाराष्ट्र सैनिक नाम दिया गया है। मुंबई में भी इस रैली को लेकर जोश देखने को मिल रहा है। क्योंकि काफी अरसे के बाद मनसे राज्य में फिर सक्रिय हो रही है। 

लेकिन मनसे के राज्य में नई सियासी एंट्री को लेकर शिवसेना परेशान है।  क्योंकि शिवसेना में एक वर्ग कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने को लेकर नाराज है। लेकिन खुलकर नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि वह कभी भी बगावत कर सकता है। वहीं माना ज रहा है कि शिवसेना का एक बड़ा कैडर मनसे की तरफ रूख कर सकता है। जिसको लेकर शिवसेना में एक तरह की परेशानी देखी जा रही है।

 वहीं राज्य की राजनीति के जानकारों का कहना है कि मनसे सीएए और एनआरसी को लेकर शिवसेना में पर हमला बोलेगी। क्योंकि शिवसेना सरकार का कहना है कि वह सीएए राज्य में लागू नहीं करेगी।  जबकि कांग्रेस और एनसीपी इसके लिए प्रस्ताव लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। लेकिन मनसे राज्य में  शिवसेना सरकार का विरोध व्यापक स्तर पर करने की रणनीति बना रही है।