जयपुर— राजस्थान में आज कांग्रेस सरकार का मंत्रिमंडल बन गया है. राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह की मौजूदगी में 23 विधायकों मंत्री पद की शपथ ली. इनमें से 17 यानी दो तिहाई से ज्यादा नए चेहरे हैं।

 जातिगत समीकरणों को देखते हुए 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. वहीं, गठबंधन की राजनीति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल से जीते भरतपुर के विधायक सुभाष गर्ग को भी मंत्री बनाया गया है। 

शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सीएम अशोक गहलोत व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की लंबी चर्चा के बाद फाइनल हुई। लिस्ट फाइनल होने के बाद शपथ दिलाया गया। पहली बार विधायक चुने गए विधायकों को मंत्रीमंडल मे जगह नहीं दी गई।

कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर दिल्ली में दो दिन तक चली माथापच्ची के बाद शनिवार देर रात राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंत्रियों के नाम पर सहमति बन गई। 

गौरतलब है कि कि मंत्रिमंडल गठन को लेकर दिल्ली में शुक्रवार से ही राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की मीटिंग चल रही थी। आखिर शनिवार देर रात मंत्रियों के नामों पर सहमति बनने के बाद अब मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। 

कांग्रेस की तरफ से जो फार्मूला निकाला गया था उसमें पहली बार जीतने वाले विधायकों को मंत्री नहीं बनाने का फैसला किया गया जिससे लगभग 25 से अधिक विधायकों की दावेदारी स्वत: ही खत्म हो गई। 

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोपहर साढ़े तीन बजे से प्रदेश के चारों सह प्रभारियों तरुण कुमार, देवेंद्र यादव, विवेक बंसल और काजी निजामुद्दीन से मंत्रियों के नामों पर फीडबैक लिया। बैठक डेढ़ घंटे तक चली।

चारों से र्चचा करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अशोक गहलोत, सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल से भी र्चचा की। शाम को अहमद पटेल के घर पहुंचे गहलोत ने उनसे करीब एक घंटे तक र्चचा की।

13 कैबिनेट मंत्री

बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, लालचंद कटारिया, डॉ रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद।

10 राज्य मंत्री

गोविंद सिंह डोटासरा, श्रीमति ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवरसिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदणा, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव, राजेंद्र यादव, सुभाष गर्ग।
बड़ी बात ये है कि कैबिनेट में 60 फीसदी अशोक गहलोत समर्थक हैं तो 40 फीसदी पायलट समर्थकों को जगह मिली है। यानी एक बार फिर गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ गए हैं।