जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के अफसरों और कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसके तहत कोरोना संकटकाल में शादियों में पार्टी का लुत्फ उठाने वाले अफसरों को जासूसी भी करनी होगी। अफसर और कर्मचारियों को इस बात की जासूसी भी करनी होगी कि वहां 50 से ज्यादा लोग तो नहीं हैं।

 

राज्य में फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने शादी विवाह में  50 से ज्यादा मेहमान शामिल न होने की शर्त रखी है। वहीं शादी में शामिल होने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को संबंधित उपखंड अधिकारी को सूचित करना होगा। वहीं अगर पार्टी में 50 से ज्यादा लोग शामिल होंगे तो उन्हें इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। ताकि उन लोगों पर कार्यवाही की जा सके। 

दरअसल, राजस्थान में कोरोना संक्रमण के कारण विवाह समारोह में 50 से अधिक लोगों को आमंत्रित करे पर प्रतिबंध है और इसके साथ ही राज्य में सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समारोह पर रोक है। इसके साथ ही शादी समारोह में सार्वजनिक स्थानों पर बैंड-बाजे पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। राजस्थान के बीकानेर के कलेक्टर नमित मेहता ने आदेश दिया है कि जिले के अधिकारी और कर्मचारी अगर किसी किसी विवाह समारोह में शामिल होते हैं और वहां 50 से अधिक लोग जुटते हैं तो इसकी सूचना उन्हें सीधे तत्काल उपखंड अधिकारी या जिला नियंत्रण कक्ष को देनी होगी। यही नहीं अफसरों और कर्मचारियों को भी ये बताना होगा कि वह पार्टी में शामिल हुए या नहीं।

इसके लिए उन्हें इसकी जानकारी संबंधित विभाग को भी देनी होगी। वहीं अगर कोई अधिकारी-कर्मचारी विवाह में शामिल होता है और इसकी जानकारी नहीं देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। असल में राज्य के बीकानेर जिले में पिछले दिनों से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जिले में कोरोना के 300 से ज्यादा मामले सक्रिय हैं। जबकि कुछ समय पहले बीकानेर कोरोना मुक्त हो गया था।