हालांकि इससे पहले सीबीएसई ये फैसला कर चुका है। लिहाजा इसी के तर्ज पर राजस्थान सरकार ने फीस का फैसला किया है।माना जा रहा है कि राजस्थान में नवंबर महीने से इन कक्षाओं की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने कोरोना संकटकाल में नौवीं से बारहवीं तक छात्र और छात्राओं के परिजनों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने इन फीस को 40 फीसदी तक कम करने का फैसला किया है। हालांकि इससे पहले सीबीएसई ये फैसला कर चुका है। लिहाजा इसी के तर्ज पर राजस्थान सरकार ने फीस का फैसला किया है।माना जा रहा है कि राजस्थान में नवंबर महीने से इन कक्षाओं की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
राजस्थान सरकार ने फैसला किया है कि 9वीं से 12वीं अब उतनी ही फीस देंगे, जितनी उनकी पढ़ाई होगी। कोरोना संकटकाल में कई कर्मचारियों का वेतन कम हो गया है और स्कूलों में भी फीस जमा नहीं हो रही है। लिहाजा राजस्थान सरकार ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए 12वीं तक के छात्रों की फीस में 40 फीसदी की कटौती की है। इसके लिए राजस्थान सरकार ने कमेटी का गठन किया था और इसके तहत सीबीएसई ने सिलेबस में 30 फीसदी कटौती करने के बाद छात्रों की फीस 30 प्रतिशत कम करने का फैसला किया था। वहीं राजस्थान सरकार ने राजस्थान बोर्ड ने 40 प्रतिशत सिलेबस को कम कर दिया है और इसके लिए40 प्रतिशत फीस कम की जा रही है।
वहीं राजस्थान सरकार के इस फैसले को लेकर निजी स्कूलों के एसोसिएशन वाली कमेटी प्रोग्रेसिव एसोसिएशन स्कूल ऑफ राजस्थान ने कहा कि राज्य सरकार का ये फैसला फैसला सही नहीं है और इस फैसले के खिलाफ वह लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हालांकि राज्य सरकार ने एक से लेकर आठवीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया है। सरकार का कहना है कि वर्तमान में किसी भी तरह यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं होगा और इसके साथ ही ट्यूशन फीस के अलावा लैब, स्पोर्ट्स और लाइब्रेरी या अन्य सभी सुविधा शुल्क के नाम लिए जाने वाले शुल्क को नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही अभिभावकों को मासिक या त्रैमासिक फीस भरने की छूट होगी।
Last Updated Oct 31, 2020, 11:51 AM IST