सीकर। कलयुग के अवतार माने जाने वाले भगवान कृष्ण के बाबा खाटू श्याम धाम का मेला 12 मार्च से शुरू हो रहा है। 10 दिन चलने वाले इस मेले में 1 करोड़ से ज्यादा भक्तों के पहुंचने का अनुमान मंदिर प्रबंधन ने लगाया है। इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पिछले वर्ष भक्तों की संख्या करीब 70 लाख तक पहुंची थी। इस बार भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस और मंदिर प्रबंधन ने दर्शनार्थियों के लिए कुछ नियम कानून पहले से ही तय किए हैं। जिनका अनुपालन करना हर दर्शनार्थी को आवश्यक होगा। दर्शन करने जाने से पहले इसके बारे में विधिवत जानना जरूरी है।

श्रद्धालुओं को 17 से 34 किमी. की करनी होगी पैदल यात्रा
खाटू श्याम को सुजानगढ़ का निशान चढ़ाने के बाद मेले का समापन माना जाता हैं। फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को इस मेले का मुख्य दिन होता है. यह मेला षष्ठी से द्वादशी तक 10 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को लगभग 17 किमी. पैदल चलना पड़ेगा। जो श्रद्धालु रिंग्स की तरफ से आऐंगे उन्हें जस्ट दोगुना यानि 34 किमी. की पैद यात्रा करनी पड़ेगी। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि भीड़ के मद्देनजर वाहनों को काफी पहले ही पार्क करा दिया जाएगा। जिससे अव्यवस्था न होने पाए।

मेले के दौरान बंद रखा जाएगा श्याम कुंड, दिव्यांगों की होगी अलग व्यवस्था
खाटू श्याम मंदिर प्रबंध समिति के मुताबिक इस बार खाटू श्याम की मूर्ति प्रकट स्थल के नजदीक बना श्याम कुंड पूरे मेले के दरम्यान बंद रखा जाएगा। वहां आने जाने की मनाही रहेगी। ताकि अव्यवस्था न फैलने पाए। बुजुर्गों और दिव्यांगो की सुविधा का ख्याल रखा गया है। इन्हें मात्र 250 मीटर ही पैदल चलना पड़ेगा। इनकी अलग से लाइन भी रहेगी। मूर्ति के नजदीक किसी भी भक्त को जाने की अनुमति नहीं है।

श्याम बाबा के दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है मनोकामना
बता दें सीकर जिले में स्थित भगवान श्रीकृष्ण और बरबरीक के स्थित खाटू श्याम के मंदिर में देश विदेश से भारी संख्या में भक्त आते हैं। खाटू श्याम का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। इस बार भी हर दिन अलग-अलग तरह से श्रृंगार किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि यहां आकर बाबा के दर्शन मात्र से ही भक्त की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। भक्तों में बाबा श्याम के जन्मदिन और लक्खी मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है। 

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