लिंग परिवर्तन कराकर पुरूष से महिला बने राजेश पांडे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। बचपन से महिलाओं के श्रृंगार की तरफ आकर्षित रहने वाले राजेश पांडे को पिता की मृत्यु के बाद रेलवे में नौकरी मिल गयी। परिवारवालों ने उसकी शादी भी करा दी। लेकिन जब उनसे अपनी पत्नी को अपने महिला वाले गुणों के बारे में बताया तो उसको भी अहसास हुआ कि राजेश का शरीर तो पुरूषों का दिखता है लेकिन उसकी प्रकृति महिलाओं की तरह है। लिहाजा दोनों ने रजामंदी से तलाक ले लिया।
पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जत नगर मंडल के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक पर तैनात राजेश पांडे यानी सोनिया पांडे आजकल अपने लिंग परिवर्तन को सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं। चार बहनों का इकलौता भाई राजेश लिंग परिवर्तन कराकर अब महिला तो बन गया है। लेकिन सरकारी दस्तावेज में उसका नया नाम दर्ज नहीं हो रहा है।
लिंग परिवर्तन कराकर पुरूष से महिला बने राजेश पांडे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। बचपन से महिलाओं के श्रृंगार की तरफ आकर्षित रहने वाले राजेश पांडे को पिता की मृत्यु के बाद रेलवे में नौकरी मिल गयी। परिवारवालों ने उसकी शादी भी करा दी।
लेकिन जब उनसे अपनी पत्नी को अपने महिला वाले गुणों के बारे में बताया तो उसको भी अहसास हुआ कि राजेश का शरीर तो पुरूषों का दिखता है लेकिन उसकी प्रकृति महिलाओं की तरह है। लिहाजा दोनों ने रजामंदी से तलाक ले लिया। इसके बाद राजेश ने अपना लिंग परिवर्तन कराया और वह राजेश पांडे से सोनिया पांडे बन गया।
हालांकि राजेश का लिंग परिवर्तन का फैसला इतना आसान नहीं था। जब उनसे मां और बहन को बताया तो वो रूठ गईं। घर में इकलौता भाई था राजेश। सबको इस बात का डर था कि समाज क्या कहेगा और उसकी जिंदगी कैसे कटेगी। बाद में उसके समझाने पर मां और बहनें भी मान गईं।
राजेश को अकसर यात्रा के दौरान दिक्कतें होने लगी थी क्योंकि पुरुष पहचान पत्र और स्त्री का चेहरा होने के कारण उसे कई तरह के सवालों के जवाब देने पड़ते थे। इसलिए वह अपना नाम बदलकर पूरी तरह से सोनिया बन जाना चाहता था।
हालांकि समाज ने उसे मान्यता नहीं दी। लेकिन धीरे धीरे उसके इस रूप को स्वीकार कर लिया। राजेश पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जत नगर मंडल के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड 1 पर तैनात हैं। लेकिन उनका नाम सरकारी दस्तावेजों में अभी भी राजेश पांडे के तौर पर दर्ज हैं।
लेकिन वह अब उसे सोनिया पांडे के तौर दर्ज कराना चाहते हैं। लेकिन नियम ऐसे हैं कि कोई भी इसके लिए तैयार नहीं है। क्योंकि रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई पुरुष ने लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गया हो और उसने महिला का नाम सर्विस रिकार्ड में नाम बदलने का आवेदन किया हो।
फिलहाल राजेश या यूं कहें सोनिया अब वह अपनी पहचान को लेकर रेलवे अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। जानकारी के मुताबिक 2017 में राजेश ने लिंग परिवर्तन कराया और अपना सोनिया पांडे रख लिया। इसके बाद उनसे सबसे पहले मुख्य कारखाना कार्मिक प्रबंधक इज्जत नगर के समक्ष नाम और लिंग बदलने का आवेदन किया। लेकिन इस जटिल मामले को देखते हुए अफसरों ने उच्च स्तर पर आवेदन करने की सलाह दी।
Last Updated Jul 21, 2019, 12:53 PM IST