उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए राज्य सरकार को मुश्किलों में अकसर खड़ा करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव और राज्य सरकार से समर्थन वापसी का अल्टीमेटम दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए राज्य सरकार को मुश्किलों में अकसर खड़ा करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव और राज्य सरकार से समर्थन वापसी का अल्टीमेटम दिया है। राजभर ने कहा है कि अगर राज्य सरकार राज्य में कोटे में कोटा लागू नहीं करती है तो वह राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन को लेकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 24 फरवरी तक उनकी मांगे पूरी न हुई तो उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी। राजभर ने भाजपा पर निशान साधते हुए कहा कि वह उनकी मांगों को तवज्जो नहीं दे रही है और अगर राज्य सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो पार्टी को इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी को प्रदेश सरकार में शामिल हुए बाइस महीने हो चुके है और पार्टी दिव्यांगों की शिक्षा व पिछड़ों में आरक्षण के बंटवारे को लेकर लगातार सरकार को जगाने का प्रयास कर रही है।
लेकिन सरकार के मुखिया इस पर कोई फैसला नहीं ले रही है। इसके लिए सरकार ने अति पिछड़ा सामाजिक न्याय कमेटी बनाई थी, जिसने अक्टूबर महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है कि आरक्षण को तीन श्रेणी-पिछड़ा,अति पिछड़ा व सर्वाधिक पिछड़ा में बांट दिया जाए। इसके बाद भी सरकार अमल नहीं कर रही है। राजभर ने गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने पिछड़े व दलितों में अति गरीब लोगों के लिए अलग से आरक्षण की मांग की है। राजभर ने कहा कि यह उनकी नाराजगी नहीं बल्कि अधिकार है और पार्टी पूर्वांचल के 32 सीटों पर प्रभावी थी लेकिन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित पूरे प्रदेश की 80 सीटों पर पार्टी का प्रभाव बढा है, क्योंकि वह सरकार में रहते हुए जनता की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाया है।
कुछ दिन पहले ही राजभर ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। लेकिन बाद में योगी ने उनकी नाराजगी को दूर कर दिया था। राजभर ने अपना दुख सीएम को बताया तो योगी ने मिलकर चलने और शिकायतों को दूर करने के लिए आश्वस्त किया। राजभर ने यहां तक कह दिया था कि वह लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगे। लेकिन मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री व्यक्तिगत मुलाकात के बाद रिश्तें में नरमी आयी। सीएम ने राजभर से भाजपा के खिलाफ तीखी बयानबाजी बंद करने को कहा तो राजभर बोले-हमारी मांगें मान लीजिए मैं कुछ नहीं बोलूंगा। विधानसभा चुनाव सुभासपा और भाजपा ने मिलकर लड़ा और इस चुनाव में भाजपा सहयोगी दलों के साथ मिलकर 325 सीटें जीतने में कामयाब रही। इस गठबंधन में भाजपा 312 तो सुभासपा को 4 और अपना दल को 9 सीटें मिलीं। इस बैठक के दौरान राजभर ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण में बंटवारे के वादे के बाद भी सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
Last Updated Jan 28, 2019, 12:25 PM IST