सरकार एक नया निर्णय सामने आया है। कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने को अनिवार्य कर देगी। इस बात की पुष्टि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी की है। पंजाब के फगवाड़ा में लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में अपने अध्यक्षीय संबोधन में कानून और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ''हम जल्द एक कानून लाने जा रहे हैं जिसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ना अनिवार्य होगा।''  

ऐसा क्यों आवश्यक है इस बात की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा, ''अभी यह होता है कि दुर्घटना करने वाला कसूरवार व्यक्ति मौके से भाग जाता है और डुप्लीकेट लाइसेंस हासिल कर लेता है। यह उसको सजा से बचने में मदद करता है। बहरहाल, आधार से जोड़ने के बाद, आप भले ही अपना नाम बदल लें लेकिन, आप बॉयोमीट्रिक्स नहीं बदल सकते हैं। आप न आंख की पुतली को बदल सकते हैं और न ही उंगलियों के निशान को। आप जब भी डुप्लीकेट लाइसेंस के लिए जाएंगे तो, प्रणाली कहेगी कि इस व्यक्ति के पास पहले से ड्राइविंग लाइसेंस है और इसे नया लाइसेंस नहीं दिया जाना चाहिए।'' 

केंद्र सरकार के 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए मंत्री ने दावा किया कि इसने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बीच के फर्क को काटा है। प्रसाद ने कहा, ''123 करोड़ आधार कार्ड जारी किए गए, 121 करोड़ मोबाइल फोन हैं, 44.6 करोड़ स्मार्ट फोन हैं, इंटरनेट के 56 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। इसके अलावा ई कॉमर्स में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत की आबादी 130 करोड़ है।'' उन्होंने यह भी कहा कि 2017-18 में देश में डिजिटल तरीके से भुगतान करने में कई गुना इजाफा हुआ है।