नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में दोबारा खट्टर सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए रास्ता साफ हो गया है। क्योंकि पांच निर्दलीय विधायक, जो बागी होकर चुनाव लड़े थे और जीते। उन्होंने खट्टर सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है। हालांकि इन पांच विधायकों के साथ ही दो अन्य विधायकों ने भी समर्थन देने का वादा किया है। वहीं पार्टी फिलहाल हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा से दूरी बनाकर चल रही है। ये भी हो सकता है कि कांडा भाजपा को बाहर से समर्थन दें।

फिलहाल राज्य के सात निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है। ये भी हो सकता है कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद ये पूर्व भाजपा नेता और विधायक दोबारा भाजपा में शामिल हो जाए। हालांकि फौरी तौर पर भाजपा ने राहत की सांस ली है। अभी तक किंगमेकर बन रहे सिरसा से विधायक गोपाल कांडा से भाजपा ने किनारा करने का फैसला किया है।

क्योंकि इसको लेकर पार्टी में दो गुट बनने लगे हैं और सोशल मीडिया में पार्टी की किरकिरी हो रही है। जिसके देखते हुए कांडा सदन में वोटिंग के दौरान गायब रह सकते हैं। जिसके आधार पर भाजपा को समर्थन मिल जाएगा। हालांकि कांडा लगातार कर रहे हैं कि वह भाजपा को समर्थन दे रहे हैं। क्योंकि उनमें संघ का खून है। कांडा ने साथ विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

फिलहाल भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए 46 के आंकड़े को पार कर गई है। क्योंकि भाजपा के 49 विधायक हैं और वहीं आठ निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के बाद विधानसभा में 48 विधायकों का समर्थन हो गया है। भाजपा को वो पांच बागी विधायक समर्थन दे रहे हैं। जिन्होंने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़े थे। वहीं  रणजीत चौटाला और गोपाल कांडा ने भी समर्थन देने को घोषणा की है।

भाजपा को समर्थन देने वालों में सिरसा से जीते हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा, रानिया से विधायक रणजीत चौटाला, नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर, पृथला से जीते नयन पाल रावत और चरखी दादरी से जीते सोमबीर सांगवान हैं। हालांकि भाजपा भी गोपाल कांडा से समर्थन लेने में असहज दिख रही है। वहीं कांडा ने कहा कि कांग्रेस ने उसने संपर्क किया था। लेकिन वह भाजपा के साथ जाएंगे। हालांकि कांडा दस साल तक राज्य में कांग्रेस के साथ सरकार में रह चुके हैं। हालांकि उसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।