पटना। विधानसभा चुनाव पहले राष्ट्रीय जनता दल में बगावत होने की आशंका दिख रही है। क्योंकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पार्टी की कमान अपने हाथों में देने के लिए इशारा कर रहे हैं। जबकि तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करा चुके हैं और पार्टी की कमान खुद अपने हाथों में चाहते हैं। हालांकि पार्टी में वरिष्ठ नेता तेजस्वी को अभी भी नेता नहीं मानते हैं। वहीं तेज प्रताप एक बार फिर राजद के लिए मुसीबत  बनते जा रहे हैं।

असल में तेज प्रताप यादव लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं और तेजस्वी छोटे। लेकिन अभी तक तेजस्वी यादव तेज प्रताप यादव पर भारी पड़ते आए हैं। तेजस्वी विधानसभा में पार्टी के नेता हैं जबकि तेज प्रताप महज विधायक। हालांकि दोनों भाईयों में पिछले कुछ दिनों से रिश्तों में नरमी आई है और दोनों एक दूसरे को अर्जुन और कृष्ण कहते हैं। वहीं अब तेज प्रताप ने इशारों ही इशारों में कह दिया है वही तेजस्वी यादव के कृष्ण। पटना में मीडिया ने जब तेजप्रताप से पूछा गया कि तेजस्वी पर विरोधी लगातार हमलावर रहे हैं।

तो उन्होंने कहा कि जब अर्जुन पर हमला होता है तो कृष्ण उसे सुदर्शन चक्र से रोक देते थे। वहीं जब तेजस्वी पर हमला होता है तो वह उनका बचाव करते हैं। तेजस्वी को लेकर राज्य की राजनीती गरमाई हुई है क्योंकि तेजस्वी पिछले 56 दिनों से गायब हैं और पिछले दिनों सोशल मीडिया में इस पर जमकर चर्चा भी हुई थी। जिसके बाद राजद बैकफुट पर है। हालांकि तेजस्वी को  लालू प्रसाद यादव का आर्शीवाद मिला है। लेकिन तेज प्रताप लोक सभा चुनाव में दावा कर चुके हैं कि बड़े बेटे होने के नाते राजद मुखिया के उत्तराधिकारी वहीं है।


 बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और कोरोना संकटकाल में राज्य के सियासी दल तैयारियों में जुटी हैं। हालांकि विपक्षी दल अभी तक एक नहीं हो पाए हैं। क्योंकि ज्यादातर तेजस्वी यादव को गठबंधन का नेता मानने को तैयार नहीं है। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वह  राजद की तरफ से सीएम कैंडिडेट हैं और विपक्षी दलों के गठबंधन को भी उन्हें नेता मानना होगा तभी गठबंधन होगा। असल में अन्य दलों के नेता उम्र और अनुभव में तेजस्वी से बड़े हैं। लिहाजा उन्हें नेता मानने से इंकार कर रहे हैं। वहीं तेजस्वी की कार्यप्रणाली को लेकर विपक्षी दलों ही नहीं बल्कि राजद में भी नाराजगी है। फिलहाल पटना में तेजप्रताप के बातों के मायने निकाले जा रहे हैं और मीडिया का यही कहना है कि राजद में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है और तेज प्रताप राजद की कमान खुद संभालना चाहते हैं।