टेलिकॉम सेक्टर में जियो की एंट्री कराकर तबाही मचाने के बाद रिलायंस प्रमुख मुकेश अंबानी अब जियो की तर्ज पर ऑनलाइन रिटेल में एट्री करने की तैयारी में हैं। ग्लोबल रीसर्च फर्म फॉरेस्टर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि रिलायंस रिटेल की ऑनलाइन कारोबार में अमेजन और वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट को चुनौती देने की रणनीति बनाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन रिटेल सेल्स में अगले पांच साल के दौरान 25 फीसदी से अधिक ग्रोथ की उम्मीद है। रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक 2023 तक भारत का ऑनलाइन सेल्स 85 बिलियन डॉलर के स्तर के ऊपर होगा। रिपोर्ट ने दावा किया कि यह स्तर 2015 में नोटबंदी और 2016 में जीएसटी के असर के बावजूद है।

लिहाजा, यह समय रिलायंस रिटेल की बड़ी तैयारी के साथ लॉन्च के लिए सटीक है। रिलायंस लगभग 6,600 शहरों में 10,415 स्टोर के साथ ऑपरेट करती है और लगभग इन स्टोर्स में लगभग 50 लाख लोगों का वार्षिक फुटफॉल है। इस क्षमता के साथ रिलायंस जियो लॉन्च की तर्ज पर रिटेल सेक्टर में अपना स्टोर लॉन्च कर अमेजन और वॉलस्ट्रीट को कड़ी चुनौती दे सकता है।

जानकारों का मानना है कि रिलायंस के पक्ष में सबसे मजबूत तथ्य यह है कि वह एक बड़े डिस्काउंट ऑफर के साथ अपनी लॉन्चिंग के चरिए अमेजन और फ्लिपकार्ट को कड़ी चुनौती दे सकता है। फॉरेस्टर के मुताबिक ऐसी रणनीति ऑनलाइन रिटेल में रिलायंस के लिए जियो जैसा प्रभाव खड़ा कर सकता है।

रिलायंस समूह का इतिहास भी इस बात का गवाह है। 2003 में रिलायंस ने टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री के लिए मॉनसून हंगामा टैरिफ प्लान का सहारा लिया। इस ऑफर से देश में एक वॉयस कॉल का चार्ज तत्कालीन 2 रुपये प्रति कॉल के स्तर से घटकर 40 पैसे प्रति कॉल हो गया। 

इसके बाद 2016 में रिलायंस जियो की लॉन्च पर रिलायंस ने डेटा चार्ज को तत्कालीन 250 रुपये प्रति जीबी के स्तर से गिराकर 50 रुपये प्रति जीबी कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह से डिस्काउंट की नीति के सहारे प्रोडक्ट लॉन्च करना जहां रिलायंस के फायदे का सौदा बनता है वहीं अन्य प्रतिद्वंदी कंपनियों के लिए कड़ी चुनौती खड़ा कर देता है।

खास बात है कि रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमुख मुकेश अंबानी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि रिलायंस बहुत जल्द ऑनलाइन टू ऑफलाइन स्टोर लाने की तैयारी कर रहा है।