नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। अब दिल्ली की सरकारी बसों में सवारियों की लिमिट को खत्म कर दिया गया है और बसों में जितनीसीटें हैं, उतने यात्री बस में सवार होकर सफर कर सकेंगे। इसको लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एलजी अनिल बैजल को एक प्रस्ताव भेजा था,  जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि राज्य में पिछले दो दिन से लगातार पांच हजार से अधिक  मामले सामने आ रहे हैं और ऐसे में यात्रियों को पूरी सतर्कता बरतनी होगी।

असल में दिल्ली में कोरोना के कहर के बीच राज्य सरकार ने सार्वजनिक परिवहन की शुरुआत के साथ दिल्ली की बसों में 20 यात्रियों के चलने की अनुमति थी।  जिसके कारण यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामने करना पड़ रहा था। क्योंकि यात्रियों की संख्या ज्यादा थी।  हालांकि बाद में मेट्रो को शुरू करने के बाद यात्रियों की परेशानी कम हुई। वहीं राज्य सरकार ने इस नियम को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही एलजी बैजल ने अंतरराज्यीय बस सेवा को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार इस अगले सप्ताह से शुरू करेगी और इसके लिए एसओपी जारी करेगी।  

असल में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में सभी सीटों पर यात्रियों के बैठने की इजाजत को लेकर उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी थी। उनका कहना था कि कोई भी यात्री बस में खड़ा नहीं रहेगा लेकिन प्रत्येक सीट पर सवारी बैठाकर बसों को चलाने की इजाजत दी जाए। क्योंकि बसों को चलाने से दिल्ली सरकार को लगातार घाटा हो रहा है और इसके साथ ही यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि डीटीसी और क्लस्टर बसों में 40-45 यात्री बैठकर यात्रा कर सकते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए 20 यात्रियों के साथ बसों को संचालन की अनुमति दी गई थी।