महाराष्ट्र के दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में आज एक चार मंजिला रिहायशी सरकारी इमारत गिर गई। जिसमें अभी तक 12 लोगों के मारे जाने की खबर है। अभी भी मलबे में 50 से ज्यादा लोगों के दबे होने की खबर आ रही है। हालांकि घनी आबादी होने के कारण राहत कार्य में मुश्किल आ रही है। मौके पर एनडीआरएफ की टीम स्थानीय लोगों के साथ राहत कार्य में जुटी है।

जानकारी के मुताबिक ये इमारत 100 साल से भी पुरानी है औऱ यहां पर अधिक संकरी गलिया हैं। जिसके कारण एनडीआरएफ की टीम को राहत कार्य में दिक्कत हो रही है। इमारत गिरने के कारण मौके पर ही 12 लोगों की मौत की खबर है जबकि 50 से ज्यादा अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी है।

फिलहाल बीएमसी के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अफसर के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि एक इमारत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया है। जिसके बाद वहां पर टीम भेजी गयी और राहत कार्य शुरू किया गया। ये इलाका काफी घनी आबादी और संकरी सड़कों का है। जिसके कारण राहत कार्य में बाधा आ रही है।

हालांकि मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटा रहे हैं। मौके पर ही एम्बुलेंस और चिकित्सकों की टीम पहुंची हुई है। इस इमारत के बारे में जो जानकारी मिल रही है। उसके मुताबिक ये इमारत महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (महाडा) की है और इस खस्ताहाल इमारत के लिए कई बार बीएमसी के अफसरों को बताया भी गया।

लेकिन सरकारी भवन होने के कारण कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं महाडा के अध्यक्ष उदय सामंत का कहना है कि इस इमारत के निर्माण का ठेका एख प्राइवेट बिल्डर को दिया गया था। हालांकि उन्होंने कहा कि दोषी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

 स्थानीय लोगों के मूताबिक इस इमारत में छह परिवार में रह रहे थे। इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था, जिसके गिरने की आशंका पहले से ही थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आसपास के लोगों में गुस्सा भी है। जबकि कई लोग इसके नीचे आने से मलबे में दब गए हैं।