पटना। बिहार में  इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने सहयोगी दलों के साथ बड़ी शर्त रख दी है। राजद ने साफ कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे। अगर किसी को आपत्ति हो तो वह गठबंधन में शामिल न हो। हालांकि तेजस्वी को लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान बने महागठबंधन के कुछ घटक दलों को तेजस्वी के नाम से दिक्कत है। लिहाजा राजद ने सहयोगी दलों को झटका देते हुए अपनी शर्त रखी है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कभी भी चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर सकता है। हालांकि राजनैतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। जहां राज्य में भाजपा और जनता दल यूनाइटेड के मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना है वहीं राजद के साथ अन्य विपक्षी दल चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अब राजद की इस शर्त पर सहयोगी दलों को परेशानी हो सकती है।

राज्य में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन में नेता के तौर पर तेजस्वी ही थे। जबकि राज्य में महागठबंधन को महज एक सीट मिली। जबकि राजद का खाता भी खुल नहीं सका। जिसको लेकर हम के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव की क्षमता पर सवाल उठाए थे।

अब बिहार राष्ट्रीय जनता दल ने सहयोगी दलों के बीच शर्त रख दी है। जाहिर है कि राजद अब अपनी शर्तों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुका है। हालांकि अभी तक राज्य में विपक्षी दलों का महागठबंधन नहीं बन सका है। हालांकि ये माना जा रहा है कि झारखंड की तरह कांग्रेस बिहार में राजद की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगा। हालांकि राज्य के नेता राजद से अलग होकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। फिलहाल राजद ने साफ कर दिया है कि जिसको महागठबंधन में रहना है रहे, नहीं रहना है ना रहे, लेकिन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर तेजस्वी यादव ही चेहरा होंगे।