बिहार में लोकसभा चुनावों में महागठबंधन की करारी हार का असर सामने आने लगा है। जहां एक ओर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अकेले पड़ते जा रहे हैं, वहीं उनके करीबियों ने भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। आरजेडी में पहली बार लालू कुनबे के  खिलाफ बगावत के सुर तेज हुए हैं।

लालू के सबसे खास और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने मंगलवार को यह कहकर सनसनी मचा दी कि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की आपसी लड़ाई के चलते पार्टी को इन चुनावों में नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अभी परिपक्व नहीं हैं। सवर्ण आरक्षण का विरोध करना मुश्किल था। पार्टी लालू को मिस कर रही है।  लोकसभा चुनाव में आरजेडी का खाता तक नहीं खुल सका है। भाजपा और जेडीयू के खिलाफ महागठबंधन बनाने वाली  आरजेडी ने बिहार में अपने 20 प्रत्‍याशी उतारे थे। उन्होंने यह बात एक चैनल से बातचीत के दौरान कही।  

महागठबंधन की अगुवाई एक तरह से आरजेडी ही कर रही थी। इसके बावजूद पार्टी की दुर्गति हो गई। इसने लालू को पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता में डाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पर हुई  समीक्षा बैठक से पहले रघुवंश प्रसाद सिंह ने कह दिया कि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के झगड़े में बंटाधार हो गया। 

यही नहीं उन्होंने तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई की भी मांग की है। उन्‍होंने कहा कि तेज प्रताप की वजह से काफी नुकसान हुआ। रघुवंश प्रसाद सिंह खुद वैशाली से चुनाव मैदान में थे और वह बड़े अंतर से हार गए।

यही नहीं ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी के अंदर से लालू परिवार के खिलाफ आवाज उठी है। पार्टी विधायक महेश्‍वर प्रसाद यादव ने भी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में नेतृत्‍व कर रहे तेजस्‍वी यादव से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्‍तीफा देने को कहा है। जहानाबाद से पार्टी प्रत्‍याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव को जिम्‍मेदार बताया। 

हालांकि लालू कुनबा इस विरोध से बेअसर नजर आ रहा है। चुनाव के दौरान खुलकर तेजस्वी के नेतृत्व को चुनौती दे रहे तेज प्रताप यादव ने छोटे भाई का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं है, वह पार्टी या महागठबंधन छोड़कर जा सकते हैं। मैं हमेशा तेजस्वी के साथ खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा, कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें ईवीएम से छेड़छाड़ करते देखा जा सकता है। ईवीएम बनाने वाली जापानी कंपनी भी इन पर भरोसा नहीं करती।