सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट सुनवाई करेगा। रॉबर्ट वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए यह याचिका दायर कर रखी है। इस मामले में वाड्रा के सहयोगी मनोज अरोड़ा को कोर्ट से पहले से ही राहत मिल चुकी है। 

रॉबर्ट वाड्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर शनिवार को मीडिया में जवाब देते हुए कहा कि यह पूरी तरह झूठा मुकदमा है। यह पूरी तरह राजनीतिक चाल है। मुझे शिकार बनाया जा रहा है। मैं कानून को मानने वाला इंसान हूं और कानून की पूरी इज्‍जत करता हूं।

प्रवर्तन निदेशालय मनोज अरोड़ा पहले से ही पूछताछ कर रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोर्ट ने मनोज अरोड़ा की गिरफ्तारी पर 6 फरवरी तक अंतरिम रोक लगा दी है। ईडी का दावा है कि मनोज अरोड़ा इस मामले में महत्वपूर्ण व्यक्ति है। उसे विदेश में वाड्रा की अघोषित संपत्तियों की जानकारी है और इस तरह की संपत्तियों के लिए पैसे की व्यवस्था करने में उसने अहम भूमिका निभाई है। 

ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया था कि ये मामला लंदन में खरीदी गई संपत्ति से जुड़ा है। दूसरी ओर अरोड़ा ने अग्रिम जमानत याचिका में कहा कि ईडी विदेश में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में उनके नियोक्ता रॉबर्ट वाड्रा को गलत तरीके से फंसाने का दबाव बना रही है। वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी में काम करने वाले मनोज अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया था कि पूछताछ के लिए उनकी पत्नी जांच एजेंसी के सामने पेश हुई थी। इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने उनकी पत्नी को भी वाड्रा को फंसाने के लिए धमकाया था। 

यह मामला लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित 19 लाख पाउंड यानी करीब 17 करोड़ रुपये की एक प्रॉपर्टी की खरीदारी में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। ईडी का दावा है कि इस संपत्ति का असली मालिक वाड्रा है। ईडी ने कोर्ट में कहा है कि लंदन स्थित फ्लैट को भगोड़ा डिफेंस डीलर संजय भंडारी ने 16 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा था। ईडी के मुताबिक मरम्मत के लिए इस पर 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा होने के बावजूद भंडारी ने 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री वाड्रा के नियंत्रण वाली फर्म को कर दी। भंडारी के खिलाफ ऑफिशिल  सीक्रेट एक्ट के तहत 2016 में मुकदमा दर्ज किया था।