जम्मू शहर में रोहिंग्याओं की ओर से बढ़ते खतरों ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा रखी है। राज्य पुलिस ने मदरसा चलाने वाले एक मौलवी को गिरफ्तार किया है, उस पर धार्मिक शिक्षा के नाम पर अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों का कथित तौर पर यौन शोषण करने का आरोप है। जम्मू  शहर के बीचोंबीच से मौलवी की गिरफ्तार के बाद नौकरी करने वाले माता-पिता अपने घरों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। 

स्थानीय लोगों के बीच 'मौलवी साहब' नाम से प्रचलित यूसुफ के खिलाफ राज्य पुलिस ने शनिवार को मामला दर्ज किया। उसके खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। जम्मू के नरवाल इलाके में स्थित आरोपी के मदरसे में 40 बच्चे दीनी तालीम ले रहे हैं। इनमें से कई ने कथित मौलवी के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  रोहिंग्या मौलवी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोप रोहिंग्या कॉलोनी में तकरीबन पिछले डेढ़ साल से रह रहा था और एक मदरसा चला रहा था।  पुलिस के मुताबिक, वह अपने भाई के साथ जम्मू आया था। उसका भाई 2013 से यहां रह रहा था। 

एक पीड़ित बच्चे के पिता की शिकायत पर त्रिकुटा नगर पुलिस स्टेशन में आरोपी मौलवी के खिलाफ पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। केस दर्ज करते ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मौलवी की धरपकड़ शुरू कर दी थी।  इसके बाद से आरोपी फरार था लेकिन पुलिस की टीम ने कथित मौलवी को धर दबोचा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौलवी को बुधवार दोपहर गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच जारी है। जम्मू में यह इस तरह की पहली घटना नहीं है। एक साल पहले पुलिस ने यहां मानव तस्करी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने जम्मू की रोहिंग्या बस्तियों में बंधक बनाकर रखी गई लड़कियों को छुड़ाकर उनके घरवालों के पास भिजवाया।  

इस साल सितंबर में कठुआ जिले में 19 बच्चों के शारीरिक शोषण के आरोप में एक पादरी को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि पादरी अपने आवास परिसर के अंदर 3-4 सालों से  छात्रावास चला रहा था। कुछ महीने पहले जब उनकी पत्नी केरल गई तो उसने बच्चों का यौन शोषण करना शुरू कर दिया। भाजपा लंबे समय से राज्य में चल रहे गैर पंजीकृत धार्मिक संस्थानों का विरोध कर रही है। राज्य के भाजपा नेतृत्व ने इन संस्थानों पर भारतीय संस्कारों की बर्बादी और देश विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है।