तमाम कोशिशों के बावजूद पूर्वोत्तर में रोहिंग्याओं की घुसपैठ जारी है। हालांकि उनकी धरपकड़ में भी तेजी आई है। सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटे में अलग-अलग जगहों से 13 महिला रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है। इनमें से आठ महिलाओं को बुधवार देर रात गिरफ्तार किया गया है। 

मिजोरम में बुधवार रात आठ महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इन रोहिंग्या महिलाओं को एजल जा रही पैंसेजर बस से पकड़ा। ये सभी असम के सिल्चर से बस में बैठी थीं। उन्हें वैरंती पुलिस नाके पर गिरफ्तार किया गया। 

मिजोरम पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि नियमित वाहन चैंकिंग के दौरान संदेह होने पर इन महिलाओं से पूछताछ की गई थी। लेकिन महिलाओं के पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं मिला।  पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘बाद में इन महिलाओं ने बताया कि वे म्यांमार से आई हैं और त्रिपुरा-बांग्लादेश सीमा से बिना बैध दस्तावेज के भारत में घुसी हैं।’

 

 

गिरफ्तार की गई महिलाओं की पहचान शर्मिला नारा, अतरीजा, चनवार चेखू, ताजवी, नूरखायस, तोइबा और रूबीना के तौर पर हुई है। इससे पहले, पुलिस ने असम-त्रिपुरा सीमा के चुरईबाड़ी इलाके में एक ब्रोकर को पांच रोहिंग्या लड़कियों के साथ गिरफ्तार किया था। ये सभी बिना वैध दस्तावेज के असम में घुसने की कोशिश कर रही थी। पुलिस का कहना है कि ये लड़कियां पहले त्रिपुरा पहुंची और फिर उन्होंने असम में घुसने की कोशिश की।  

जनवरी से तेज हुई है रोहिंग्याओं की धरपकड़

इस साल जनवरी से अब तक पूर्वोत्तर के इलाकों में 50 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।  इस साल 21 जनवरी को पुलिस ने असम-त्रिपुरा से सटे असम के करीमगंज जिले से गुवाहाटी जा रही एक बस से 30 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया था। इनमें से 12 नाबालिग थे। दो फरवरी को त्रिपुरा के एक रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल ने असम में रह रहे सात बच्चों को पकड़ा था। ये सभी रोहिंग्या थे।