लखनऊ। अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है और उत्तर प्रदेश सरकार रामलला तक पहुंचाने के लिए मार्ग को सुगम बनाने के लिए तैयारी कर रही है। इसके तहत  ऐलिवेटेड रोड और ओवरब्रिज निर्माण को पहले ही सरकार हरी झंडी दी जा चुकी है। वहीं रोप-वे बनाने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है।  माना जा रहा है कि जल्द ही इसके लिए फैसला हो सकता है।

फिलहाल राज्य की योगी सरकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही श्रद्धालुओं को रामलला तक पहुंचाने के लिए सुगम मार्ग बनाने पर काम कर रही है। अयोध्या में अगले तीन साल के भीतर भगवान श्रीराम का भव्य  मंदिर बन जाएगा और माना जा रहा है कि वहां रोजाना लाखा की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेगे। लिहाजा राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के अहम फैसले ले रही है। फिलहाल अयोध्या में ऐलिवेटेड रोड और ओवरब्रिज निर्माण को पहले ही सरकार हरी झंडी दी जा चुकी है।

वहीं अयोध्या नगर निगम ने भी एक नया मार्ग बनाने की दिशा में काम किया है। ताकि श्रद्धालुओं अपने आराध्य तक आराम से पहुंच सके।  इसके लिए अयोध्या नगर निगम रोप-वे बनाने की योजना पर काम कर रहा है।  रोप-वे निर्माण के लिए नगर निगम ने कई विदेशी फर्मों से संपर्क किया है और रोप बनाने में विशेषज्ञ मानी जाने वाली स्विट्जरलैंड की एक फर्म के साथ नगर आयुक्त विशाल सिंह की बैठक भी संपन्न हो चुकी है। वहीं रोप-वे का निर्माण रामनगरी की सबसे बड़ी परियोजना मानी जा रही है। अगर ऐसा होता है इससे नगर की आय भी बढ़ेगी और श्रद्धालुओं को लाभ भी मिलेगा।

राज्य सरकार रामनगरी देश के एक बड़े पर्यटन केंद्र के तौर पर स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है और यहां पर देश-दुनिया के श्रद्धालु एवं पर्यटकों आएंगेऔर ऐसे में उन्हें बेहतर जनसुविधाएं देने की दिशा में काम कर रही है। नगर निगम का  कहना है कि रोप-वे का निर्माण होने से वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं के साथ ही आम लोगों को राममंदिर तक पहुंचने में सुविधा होगी। अयोध्या में बनने वाले बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और रामघाट में बन रहे पार्किंग स्थल से राममंदिर तक रोप-वे निर्माण की योजना है। फिलहाल स्विट्जरलैंड की एक फर्म से हुई वार्ता के बाद उसने इस दिशा में सर्वे करना शुरू कर दिया है  और सर्वे के बाद नगर आयुक्त की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मंदिर परिसर में रोप वे के लिए जमीन की मांग की जाएगी। हालांकि इस रोप-वे को बनाने में कितना खर्च आएगा।