राम मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस ने सरकार पर बढ़ाया दबाव

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राम मंदिर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। आरएसएस के प्रचार प्रमुख ने ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर वहां प्राचीन समय से मंदिर होने का दावा किया और उसके पुनर्निर्माण की मांग दोहराई। 

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राम मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नई तारीख देने के बाद आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद् ने मंदिर के लिए सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। 
आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने प्रेस कांफ्रेन्स में कहा कि 
‘उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि अयोध्या का विवादित स्थल ही रामलला का जन्म स्थान है’।
‘तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहाँ कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया और पूर्व में वहां पर मंदिर ही था’।

‘संघ का मत है कि जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर शीघ्र बनना चाहिए और जन्म स्थान पर मन्दिर निर्माण के लिये भूमि मिलनी चाहिए। मन्दिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण निर्माण होगा’।

‘इस दृष्टि से सर्वोच्च न्यायालय शीघ्र निर्णय करे, और अगर कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर कर श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे’।

अरुण कुमार ने आगे कहा कि ‘जब से यह आंदोलन प्रारंभ हुआ है पूज्य संतों और धर्म संसद के नेतृत्व में आन्दोलन चल रहा है, और उसका हमनें समर्थन किया है, आगे भी वे जो निर्णय करेंगे उसमें हम उनका समर्थन करेंगे’।

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