इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने भी पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'जाएद मेडल' से नवाजने का ऐलान किया था।
भारत और रूस के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान दिया है। रूसी दूतावास की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल' से नवाजा गया है। उन्हें यह सम्मान रूस के साथ भारत के सामरिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दिया जा रहा है।
On April 12, @narendramodi was decorated with the Order of St Andrew the Apostle for exceptional services in promoting special & privileged strategic partnership between 🇷🇺 and 🇮🇳 and friendly relations between the Russian and Indian peoples.@mfa_russia @MEAIndia @IndEmbMoscow pic.twitter.com/jUFt5aawxw
— Russia in India (@RusEmbIndia) April 12, 2019
रूसी राष्ट्रपति के आधिकारिक हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है, भारत के प्रधानमंत्री को रूस के साथ साझेधारी को आगे बढ़ाने में असाधारण उपलब्धियों के लिए ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’प्रदान किया गया है।
Indian Prime Minister Narendra Modi received the Order of St Andrew for outstanding achievements in promoting partnership with Russia https://t.co/mdTIVoFDJ5
— President of Russia (@KremlinRussia_E) April 12, 2019
इसके जवाब में पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं राष्ट्रपति पुतिन और रूस की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं। भारत और रूस की दोस्ती की बुनियाद काफी गहरी है। भविष्य में यह साझेदारी और निखरेगी। दोनों देशों के बीच सतत सहयोग से हमारी जनता के लिए अप्रत्याशित नतीजे हासिल हुए हैं।'
Honoured to receive this prestigious award. I thank President Putin and the people of Russia.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 12, 2019
Foundations of India-Russia friendship are deep & the future of our partnership is bright.
Extensive cooperation between our nations has led to extraordinary outcomes for our citizens. https://t.co/4ppEC7ZAWe
इससे पहले, संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने भी पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'जाएद मेडल' से नवाजने का ऐलान किया था। उन्हें यह सम्मान भारत और यूएई के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए दियाजा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में यूएई के साथ भारत के संबंध नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं और इस द्विपक्षीय संबंध को नया आयाम देने में पीएम मोदी की अहम भूमिका रही है। इससे पहले यूएई ने यह सम्मान ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, व्लादिमीर पुतिन, निकोलस सरकोजी, शी जिनपिंग और एंजेला मर्केल को दिया है।
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंटरनेशनल सोलर एलायंस के नेतृत्व और 2022 तक भारत को सिंगल यूज्ड प्लास्टिक से मुक्त कराने के संकल्प के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान 'चैंपियंस ऑफ अर्थ' से सम्मानित किया गया था।
साल 2016 में सउदी अरब ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द किंग अब्दुल्लाजीज साश' से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार आधुनिक सउदी राज्य के संस्थापक अब्दुल्लाजीज अल सौद के नाम पर है। शाह सलमान बिन अब्दुल्लाजीज ने शाही कोर्ट में प्रधानमंत्री को इस सम्मान से विभूषित किया था। यह सम्मान प्राप्त करने वाले विश्व के नेताओं में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे, पूर्व ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को 22 फरवरी को दक्षिण कोरिया के सोल में सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग, ग्लोबल आर्थिक प्रगति और भारत के लोगों के मानव विकास को तेज करने की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए दिया गया। इस पुरस्कार के तहत पीएम मोदी को एक प्रशस्त्रि पत्र और 2 लाख डॉलर (करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये) की सम्मान निधि मिली थी। पीएम ने यह राशि नमामि गंगे मिशन के लिए समर्पित कर दी। पीएम मोदी यह पुरस्कार पानेवाले दुनिया के 14वें और भारत के पहले व्यक्ति हैं।
फिलस्तीन के दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी को फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ग्रैंड कॉलर सम्मान प्रदान किया था। भारत और फिलिस्तीन के रिश्तों की बेहतरी के लिए मोदी द्वारा उठाए गए कदमों के लिए यह सम्मान दिया गया। ग्रैंड कॉलर विदेशी मेहमान को दिया जाने वाला फिलस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।
Last Updated Apr 12, 2019, 5:17 PM IST