सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई की ओर से सबरीमाला मंदिर का दौरा करने की घोषणा के बाद शिवसेना ने सामूहिक आत्महत्या की धमकी दी है। 28 सितंबर को देश की सर्वोच्च अदालत ने हर आयुवर्ग की महिलाओं को केरल के विख्यात सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी थी। 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का शिवसेना के अलावा केरल के कुछ संगठन और अन्य लोग भी विरोध कर रहे हैं। शिवसेना के नेता पी एजी ने एक एजेंसी से कहा कि उनके 'आत्महत्या करने वाले दस्ते' में 50 महिलाएं एवं पुरुष हैं। सभी 'सर्वोच्च बलिदान' के लिए तैयार हैं।' 

एजी ने चेताया, 'सबरीमाला मंदिर के अंदर और आसपास हमारे सदस्य मौजूद हैं। अगर कोई ऐसा शख्स मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास करता है, जिसे मंदिर में नहीं जाना चाहिए तो हमारा आत्महत्या करने वाला दस्ता कोई बड़ा कदम उठा सकता है।'

उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि मंदिर की परंपरा और संस्कृति की रक्षा की जाएगी। 17 अक्टूबर को हमारे बहुत से सदस्य सबरीमाला के आसपास होंगे। वे मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों की सुरक्षा करेंगे।'

कोल्लम पुलिस ने शनिवार को मॉलीवुड के अभिनेता कोल्लम थुलासी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। थुलासी ने एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगरी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोई महिला सबरीमाला में प्रवेश करती है तो उसके दो टुकड़े कर देने चाहिए। इसका एक हिस्सा थिरुवनंतपुरम स्थित मुख्यमंत्री के कार्यालय और दूसरा दिल्ली भेज देना चाहिए। केरल के कोल्लम में एनडीए की एक रैली के दौरान उन्होंने यह बयान दिया।

थुलासी ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्होंने  एक ऐसा फैसला दिया जो परंपराओं और मान्यता के विपरीत है। 

उधर, कोल्लम जिले के रहने वाले हरीश ने कहा, 'एक मलयाली होने के नाते मुझे अपना जीवन भगवान अय्यपा को देना होगा। मैं ऐसा करके रहूंगा। लेकिन मैं 10 से 50 साल की आयु की किसी भी महिला को मंदिर में नहीं जाने दूंगा।'