राजस्थान में कांग्रेस सरकार बन जाने के बाद अब राज्य के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने परिवारवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। सचिव वर्तमान में राज्य में आगामी लोकसभा के लिए प्रत्याशियों के नाम तय कर रहे हैं। इसी बीच उन्होंने बड़ा बयान देकर टिकट मांगने वालों को चौंका दिया है। सचिन पायलट ने कहा कि उनके परिवार से कोई भी आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा और ना ही कोई टिकट मांगेगा।

पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव सचिन पायलट की अगुवाई में ही लड़े गए थे। वह लोकसभा के सांसद हैं और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का दायित्व भी उनके पास है। लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री के पद की दावेदारी की थी। लेकिन पार्टी ने अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया। लेकिन सचिन की नाराजगी कम करने के लिए पार्टी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया। हालांकि अभी भी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का पद सचिन पायलट के पास ही है।

लेकिन आज उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांगने वाले प्रत्याशियों को बड़ा बयान देकर चौंका दिया है। सचिन पायलट ने कहा कि उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा। उप मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यदि मैं अपने परिवार की पैरवी करुंगा तो कांग्रेस के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का क्या होगा। सचिन आज उरमा पायलट के अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूछे गए सवाल के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता मेहनत कर रहा है उसे टिकट दिया जाएगा।

पायलट के इस बयान के बाद सियासी हलकों में तूफान खड़ा हो गया है। क्योंकि पार्टी के भीतर कई लोग परिवार के लोगों के लिए टिकट मांग रहे हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी कमजोर हो सकती है। उधर मध्य प्रदेश में गुना सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। वहीं हाल ही में राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। ऐसे में स्थानीय नेताओं का कहना है कि हर कोई परिवारवाद को समर्थन दे रहा है। अगर परिवार के लोग पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं और टिकट मांग रहे हैं तो गलत क्या है।