कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अब राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम तेजी से कांग्रेस के गलियारों में चल रहा है। लेकिन सच्चाई दूसरी तरफ ये भी है कि इससे पहले कई नेताओं के नाम चर्चा में आ चुके हैं। लेकिन पार्टी ने अभी तक किसी भी नाम पर अपनी सहमति नहीं दी है। हालांकि पार्टी के ज्यादातर नेता युवा हाथों में ही पार्टी की कमान सौंपे जाने की वकालत कर रहे हैं।

असल में तीन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पार्टी की कमान युवा हाथों में आनी चाहिए। वहीं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कैप्टन का समर्थन किया था। जिसके बाद सचिन पायलट का तेजी के कांग्रेस में उभर रहा है।

पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और राज्य में पिछले साल विधानसभा का चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ा गया था और पार्टी ने जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में राज्य में मुख्यमंत्री की कमान अशोक गहलोत को दे दी गयी थी। इससे पहले एके एंटोनी, सुशील कुमार शिंदे, अशोक गहलोत और मोतीलाल वोरा का नाम कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए उभरा।

लेकिन किसी भी नाम पर पार्टी ने मुहर नहीं लगाई। हालांकि अभी तक राहुल गाँधी का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। राहुल गांधी अध्यक्ष का पद छोड़ने की जिद पर अड़े हैं तो कांग्रेस के नेता उन्हें मना रहे हैं। राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने के साथ ही ये भी शर्त लगाई है कि नया अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होना चाहिए।

लिहाजा इस मामले में प्रियंका गांधी की दावेदारी खत्म मानी जा रही है। फिलहाल इस हफ्ते सीडब्लूसी की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि उसमें नए अध्यक्ष के नाम पर सहमति बन सकती है। हालांकि गांधी परिवार का दावा है कि इस बैठक में वो हिस्सा नहीं लेंगे।

क्योंकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी विदेश जा रहे हैं जबकि प्रियंका भी इस बैठक में मौजूद नहीं रहेंगी। ताकि गांधी परिवार की गैरमौजूदगी में पार्टी के अध्यक्ष की नियुक्ति हो सके। हालांकि अभी सचिन के साथ ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी इस रेस में शामिल है। इन दोनों नेताओं को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।