कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी सैम पैत्रोदा ने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख दंगों पर दिए गए अपने बयान पर पलटी मारी है। सैम ने कहा कि मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि मैं सिख भाईयों का दर्द समझता हूं। हालांकि सैम ने अपने बयान से कांग्रेस पार्टीं को मुश्किल में तो डाल ही दिया है।

अकसर अपने बयान से कांग्रेस को मुसीबत में डालने वाले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पैत्रोदा एक बार अपने बयान को लेकर मुसीबत में फंस गए हैं और इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। पैत्रोदा का बयान तब आया है जब दिल्ली में छटे चरण में 12 मई को और पंजाब में सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है। इससे जाहिर है कि इससे कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ेंगी।

सैम ने गुरुवार को बयान दिया था कि 1984 के सिख दंगों का अब क्या है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी को अपने पांच साल के कार्यकाल का हिसाब देना है 1984 में क्या हुआ इसका नहीं। उनका इशारा था कि जो भी हुआ है वह काफी पीछे छूट गया है। वह एक तरह से कांग्रेस को क्लीन चिट देने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन उसके इस बयान के बाद उनकी चारों तरफ निंदा होने लगी तो आज सैम ने ट्विट कर अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह सिख भाईयों का दर्द समझते हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि साल 1984 के दंगों में उन्हें कितना अत्याचार सहना पड़ा था। सैम के बयान से अकसर कांग्रेस पार्टीं की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। पिछले दिनों जब पूरा देश पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद गर्व महसूस कर रहा था तो उस वक्त सैम ने कहा कि कितने आतंकी मरे इसका सबूत क्या है। इसके बाद जब उनकी आलोचना होने लगी तो वह बैकफुट पर आ गए।