एक बार में तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाया गया विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पास हो गया। तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक बीते 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। प्रस्तावित कानून के मसौदे के अनुसार किसी भी तरह से दिए गए तीन तलाक को गैरकानूनी और अमान्य माना जाएगा, चाहे वह मौखिक या लिखित तौर पर दिया गया हो या फिर ईमेल, एसएमएस और वॉट्सऐप जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यमों से दिया गया हो। हालांकि इसके बाद भी तीन तलाक के बिल के विरोधियों के सुर नरम नहीं पड़े हैं। 

 सपा नेता आजम खान ने विवादित बयान देते हुए कहा, 'पूरी दुनिया में मुसलमानों के लिए सिर्फ कुरान का कानून ही मान्य है। इसके अलावा मुसलमान कोई कानून नहीं मानता है। ये हमारा धार्मिक मामला है। मुसलमानों के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड है। यह हमारा व्यक्तिगत मामला है कि मुसलमान कैसे शादी करेगा? कैसे तलाक लेगा?' 

उन्होंने कहा, 'अगर किसी की पत्नी अपने शौहर के साथ रहना नहीं चाहती तो उसे रोका नहीं जा सकता। आप कितने ही कानून बना लीजिए जो हमारा शरह कहता  है, हम उसे ही मानेंगे। हम शरह के अलावा कोई और चीज नहीं मानेंगे। आपने कितने ही कानून बना लीजिए। अगर कोई पत्नी रहना चाहती तो जबरदस्ती कौन रोकता है, कौन रोक सकता है।' 

आजम खान ने पीएम मोदी पर निजी टिप्पणी करते हुए कहा, उनके लिए कौन सा कानून लाएंगे, जो लोग अपनी पत्नियों को रखते नहीं हैं और संवैधानिक कुर्सियों पर बैठे हुए हैं। हालांकि उन्होंने सीधे पीएम मोदी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, 'कुरान में तलाक की पूरी प्रक्रिया दी हुई है। यह एक राजनीतिक मसला है। उन्होंने कहा, जो कुरान में प्रक्रिया दी हुई है, उससे न तो आलिम हट सकते हैं, न पर्सनल लॉ बोर्ड हट सकता है और कुरान के तहत जो तलाक होती है, वह तलाक है। जो इससे बाहर है वह गुनाह है।' 

साभारः रिपब्लिक टीवी