बिहार में यूपीए महागठबंधन बचाने के लिए कांग्रेस और राजद समेत सहयोगी दलों की आज अंतिम बैठक हो रही है। हालांकि अभी तक राज्य में यूपीए गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो सका। क्योंकि कांग्रेस राज्य में 11 सीटें मांग रही हैं। जबकि राजद समेत अन्य दल कांग्रेस को आठ सीटें देने के पक्ष में हैं। लिहाजा इस बात का फैसला हो जाएगा कि राज्य में यूपीए के घटक दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे या फिर एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।

राज्य में एनडीए गठबंधन बन जाने और फिर उनके बीच सीटों का बंटवारा हो जाने के बाद यूपीए पर गठबंधन के लिए दबाव बना हुआ है। सभी दल आपसी सहमति के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं लेकिन अभी तक सीटों के बंटवारे के लिए दो बड़े दल कांग्रेस और राजद में सहमति नहीं बन पायी है। आज इन दलों के बीच आखिरी बार बातचीत होगी। राजद ने खुलेतौर पर कांग्रेस से बड़ा दिल दिखाने को कहा हैं। कांग्रेस का उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बंगाल में किसी भी दल के साथ चुनाव गठबंधन नहीं हुआ है और अब बिहार में भी सहयोगी दलों के साथ खटपट चल रही है।

राज्य में 40 सीटें हैं और इसमें कांग्रेस 11 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि राजद आठ सीटें देने को तैयार है लेकिन अब कांग्रेस की जिद को देखते हुए वह 9 सीटों पर राजी है। जबकि कांग्रेस का कहना है कि 11 सीटों में दरभंगा, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी और शिवहर भी दिया जाए।  राज्य में चुनाव सभी सातों चरणों में संपन्न होंगे. वोटों की गिनती 23 मई को होगी। बिहार में पहला चरण का चुनाव 11 अप्रैल को होगा। इस दौरान राज्य की औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई सीटों पर चुनाव होगा। जबकि यूपीए गठबंधन में सीटों को लेकर सहमति बन पायी है। यानी प्रत्याशियों के पास महज बीस का समय है। अगर किसी प्रत्याशी की सीट बदल जाए तो उसके सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। लिहाजा प्रत्याशियों ने भी अपने अपने हिसाब से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।