सिविल सेवा से इस्तीफा देने और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने की अटकलों के बीच कश्मीरी आईएएस टॉपर शाह फैसल एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उनका नया ट्वीट अनुच्छेद 35 ए पर आया है। सुप्रीम कोर्ट में  इस विवादित अनुच्छेद को लेकर होने वाली सुनवाई से ऐन पहले एक ट्वीट में शाह फैसल ने कहा कि अगर अनुच्छेद 35ए को हटाया जाता है, तो देश के बाकी हिस्से से जम्मू-कश्मीर का संबंध खत्म हो जाएगा।

2010 बैच के यूपीएससी टॉपर फैसल फिलहाल मिड करियर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं। रविवार शाम उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'मैं अनुच्छेद 35 ए की तुलना निकाहनामा से करूंगा। आप इसे खत्म करते हैं तो रिश्ता खत्म हो जाएगा। उसके बाद चर्चा के लिए कुछ भी नहीं बचेगा।' 

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत के संविधान के लागू होने से पहले हुआ। 'हां, जो लोग कहते हैं कि विलय अब भी कायम है, वे यह भूल जाते हैं कि विलय 'रोका' की तरह था, क्योंकि उस वक्त संविधान लागू नहीं हुआ था।' उन्होंने कहा, 'अगर निकाहनामा को समाप्त कर दिया जाता है तो क्या तब भी 'रोका' दो लोगों को बांधे रख सकता है। 

हालांकि आईएएस अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संबंध में विशेष संवैधानिक प्रावधान से देश की संप्रभुता और अखंडता को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुद्दे पर भ्रमित नहीं हों। भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती नहीं दी जा सकती है। बिल्कुल नहीं, हालांकि, संविधान में जम्मू-कश्मीर राज्य के लिये कुछ विशेष प्रावधान रखे गए हैं। यह अनोखी व्यवस्था है। यह भारत की अखंडता के लिये कोई खतरा नहीं है।' फैसल का यह ट्वीट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने जा रही इस महत्वपूर्ण मुद्दे की सुनवाई से पहले आया है। 

फैसल के खिलाफ पहले ही केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अनुरोध पर जम्मू कश्मीर सरकार ने अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है। उन्होंने देश में लगातार बलात्कार की घटनाओं के बारे में ट्वीट किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने 22 अप्रैल को एक ट्वीट में कहा था, 'पितृसत्ता + जनसंख्या + निरक्षरता एल्कोहल + पॉर्न + टेक्नोलॉजी + अराजकता = रेपिस्तान!'

इस बीच, जम्मू यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ने अनुच्छेद 35ए को हटाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।