पटना। राज्य में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेजी से बढ़ गई हैं। राज्य में पांच विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है। लेकिन इन सीटों के लिए सत्ताधारी एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। विधानसभा की पांच सीटों में चार सीट पर जदयू और एक सीट पर भाजपा लड़ेगी। जबकि लोकसभा की सीट रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के खाते में जाएगी। वहीं अभी तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो सकता है।

महागठबंधन में हर दल अपनी अपनी दावेदारी कर रहा है। कांग्रेस राज्य की पांच सीटों में तीन पर दावा कर रही तो राजद का कहना है कि बड़े दल होने के नाते उसे चार सीटें मिलनी चाहिए। वहीं इस गठबंधन के सहयोगी हम और मुकेश साहनी की पार्टी भी दावेदारी कर रही है। लिहाजा उपचुनाव की तारीख घोषित होने के बाद भी महागठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर आम राय नहीं बना सका है।

वहीं विधानसभा की 5 सीटों में जदयू 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि एक सीट पर भाजपा चुनाव लड़ेगी। जबकि  लोकसभा की एक सीट लोजपा के खाते में जायेगी। इस सीट लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद खाली हुई है। लोकसभा चुनाव में इस सीट पर लोजपा ने जीत दर्ज की थी।

जिन पांच सीट पर उपचुनाव होने हैं उसमें सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा, नाथनगर, बेलहर और किशनगंज शामिल है। इसमें चार सीटों पर विधायकों के सांसद बन जाने के कारण ये सीटें खाली हुई हैं। इन चारों सीटों पर जदयू विधायक सांसद बने हैं। सीटों के बंटवारे के मुताबिक किशनगंज सीट भाजपा के खाते में गई है।

पिछली बार इस सीट पर विधानसभा सीट से भाजपा ने स्वीटी सिंह को उम्मीदवार बनाया था और चर्चा है कि इस बार भी पार्टी उन्हें टिकट देने की सोच रही है। वहीं दरौंदा सीट पर जदयू सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह को जदयू बनाने पर विचार कर रहा है।

हालांकि जदयू अपनी चारों सीटों पर मौजूदा सांसदों के परिवार और करीबियों को टिकट देने की रणनीति बना रहा है। ताकि पार्टी में किसी तरह की बगावत न हो। इन सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर और मतदान 21 अक्टबूर को होगा। इसके साथ ही 24 अक्टूबर परिणाम घोषित किए जाएंगे।