देश की खुफिया सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आंतकी आने वाले समय में पुलवामा जैसी घटनाओं को फिर अंजाम दे सकते हैं। वह सुरक्षाबलों को फिर निशाना बना सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद फिर किसी की आंतकी घटना को अंजाम दे सकता है।

देश की खुफिया एजेंसियों को शक है कि यह 'साइकोलॉजिकल ऑपरेशन' भी हो सकता है और किसी भी आतंकी साज़िश से इनकार नहीं किया जा सकता है। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक आशंका जतायी जा रही है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बना सकता है। इसके लिए एजेंसियों का कहना है कि जैश के आंतकियों के कॉल को इंटरसेप्ट किया गया है और इससे बातचीत में खुलासा हुआ है कि वह आने वाले समय में पुलवामा जैसी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आतंकी संगठन जैश पुलवामा हमले की तैयारी का वीडियो भी जारी कर सकता है। इसके पीछे एजेंसियों का तर्क हैं कि जैश आतंकी मोहम्मद वकास डार ने राजौरी के नौशेरा में आईईडी प्लांट किया था, जिसमें एक मेजर शहीद हुए थे। एजेंसियों का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद भारत के सख्त रवैये के कारण लश्कर, जैश और हिजबुल के ट्रेनिंग कैंप्स को एलओसी से 15-20 किलोमीटर पीओके के भीतर शिफ्ट कर दिया गया है। यही नहीं इनके कैंप को पाकिस्तानी आर्मी बेसेज़ के अंदर शिफ्ट किया गया है।

एजेंसियों ने जो अलर्ट जारी किया है उसके मुताबिक एलओसी की कमान मुजाहिद बटालियन और सीमा पर रेंजर बटालियन की जगह पाकिस्तानी आर्मी ने ले ली है और सीमा के पास रहने वाले गावों वालों से कहा गया है कि वो सूरज ढलने के बाद घर से न निकलें। गौरतलब है कि 14 फरवरी को जैश के आंतकी हमले में 40 सैनिक शहीद हो गये थे। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया था।