दो दिन पहले ही पटना में राजद की कार्यकारिणी में तेजस्वी यादव को राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया है। अब पार्टी में इस बात को लेकर बगावत हो गयी है।
लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल में बगावत को हो गयी है। लालू के करीबी माने जाने वाले दिग्गज नेता अली अशरफ फातमी अब पार्टी से अलविदा कहेंगे। फातमी तेजस्वी यादव को अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने से नाराज हैं। फातमी अब लालू के विरोधी नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का दामन थामेंगे।
फातमी ने पार्टी को छोड़ने के बारे में कहा कि वह लालू के करीबी रहे हैं और उनकी तेजस्वीे की उम्र से अधिक उनका राजनैतिक अनुभव है। हालांकि तेजस्वी और फातमी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। दो दिन पहले ही पटना में राजद की कार्यकारिणी में तेजस्वी यादव को राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया है।
अब पार्टी में इस बात को लेकर बगावत हो गयी है। फातमी को बिहार के सीमांचल का बड़ा अल्प संख्यक नेता माना जाता है। हालांकि लोकसभा चुनाव में फातमी को टिकट नहीं दिया गया और उसके बाद उन्होंने बगावत कर दी थी। लेकिन लालू प्रसाद यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा मनाए जाने के बाद फातमी शांत हो गए थे।
लोकसभा चुनाव में टिकट का वितरण तेजस्वी यादव के हाथ में ही था। लिहाजा उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी को नकार कर अन्य नेताओं को टिकट दिया था। यहां तक कि तेजस्वी ने अपने बड़े भाई तेज प्रताव यादव के करीबी नेताओं को भी टिकट नहीं दिए।
जिसके बाद तेज प्रसाद यादव ने लालू-राबड़ी मोर्चा बनाकर दो प्रत्याशी उतारे थे और बिहार में चुनाव के दौरान प्रचार नहीं किया। फातमी ने लोकसभा चुनाव में मधुबनी से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर नामांकन दाखिल किया था। हालांकि बाद में वह चुनाव से हट गए थे।
असल में फातमी सीमांचल के दिग्गज नेता माने जाते हैं और दरभंगा से कई बार सांसद रह चुके हैं। उन्हें सीमांचल में आरजेडी की रीढ़ माना जाता है। उधर फातमी ने कहा कि वह नवंबर में जनता दल यूनाइटेड का दामन थामेंगे और एक लाख कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की सदस्यता लेंगे।
Last Updated Jul 8, 2019, 8:35 AM IST