जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक को गिरफ्तार का लिया गया है। जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत जेल भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि 'मलिक को कठोर कानून, पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्हें जम्मू में कोट भलवाल जेल में स्थानांतरित किया जा रहा हैं।'

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अलगाववादी संगठन हुर्रियत पर भी बैन लगाने की तैयारी हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि किसी अप्रिय घटना की आशंका के मद्देनजर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। 

जम्मू-कश्मीर में माहौल खराब करने के आरोप में यासीन मलिक के खिलाफ कोठी बाग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस बीच, ऐसे खबरें हैं कि पूर्व में आतंकी और अब अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ 30 साल पुराने रुबिया सईद अपहरण मामले और वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या के मामले को फिर से खोलने की तैयारी है। सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अदालत में आवेदन दायर किया है।

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद यासीन को 22 फरवरी को हिरासत में लिया गया था। उनके खिलाफ कोठी बाग पुलिस स्टेशन मामला दर्ज किया गया था। जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने कहा, 'सुबह उन्हें मालूम पड़ा कि यासीन मलिक को पीएसए के तहत गिरफ्तार किया गया है और कोट भलवाल जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।' उन्होंने कहा कि जेकेएलएफ इस 'मनमानी गिरफ्तारी' और एक राजनीतिक नेता के खिलाफ पीएसए लगाने की कड़ी निंदा करती हैं।