मोदी सरकार के दूसरा कार्यकाल का संसदीय सत्र आज से शुरु हो गया है। इस दौरान पीएम मोदी ने सभी दलों से सकारात्मक सहयोग की अपील की है। आज प्रोटेम स्पीकर के तौर पर बीजेपी सांसद वीरेन्द्र कुमार को शपथ दिलाई गई है। 

नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का संसदीय सत्र आज से शुरु हो गया है। लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर पहुंची भारतीय जनता पार्टी की पहली प्राथमिकता अटके हुए विधेयकों को पास कराने की होगी। 
यह सत्र आज 17 जून सोमवार से शुरु होकर 26 जुलाई तक चलेगा। 5 जुलाई को बजट पेश किए जाने की योजना है। 

आज सत्र की शुरुआत से पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र कुमार ने सुबह प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई। 

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सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 'विपक्ष को मजबूत होना होगा यह लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त है। पहले से ज्यादा सीटों के साथ जनता ने दोबारा सेवा का मौका दिया है। आज नए साथियों के साथ परिचय का अवसर है। 
प्रधानमंत्री ने खास तौर पर विपक्ष को उसकी महत्ता की याद दिलाते हुए कहा कि 'विपक्ष को नंबरों की चिंत न करके अपना योगदान देना चाहिए। उनकी आवाज और चिंताएं सरकार के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।'

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प्रधानमंत्री मोदी ने सभी इस बार जीत हासिल करके संसद में पहुंचे सभी सांसदों से सदन के कामकाज में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा, 'पिछले 5 साल का अनुभव रहा है जब सदन चला है तो देश हित के निर्णय भी बहुत अच्छे हुए हैं। उन अनुभवों को आधार पर मैं आशा करता हूं कि सभी दल बहुत ही उत्तम प्रकार की चर्चा और जनहित के फैसले और जनआकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सबका साथ सबका विकास से यात्रा शुरू की जिसमें देश की जनता ने अद्भुत विश्वास भर दिया। सामान्य मानव की आशा-आकांक्षा का संकल्प लेकर जरूर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।' 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को भी उसकी सकारात्मक भूमिका की याद दिलाते हुए अपील की है कि 'कुछ सांसद बहुत अच्छे विचार रखते हैं, लेकिन ज्यादातर वे रचनात्मक होते हैं और इससे टीआरपी का मेल नहीं होता। लेकिन टीआरपी से ऊपर बहुत तर्कवत कोई सदन में सरकार की आलोचना भी करता है तो उससे हमें बल मिलेगा। 5 साल तक इस भावना को पूरा करने में आप भी (प्रेस) सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। अगर सकारात्मकता को बल देंगे तो सकारात्मकता की दिशा में जाने में बल मिलेगा।'