महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बीच मतभेद के चलते दोनों नेताओं के नाम पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने हाथ मिला लिया है। पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहां कि तीनों पार्टियों के नेताओं के बीच 'महागठबंधन' पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए गंभीर चर्चा हुई है। विपक्षी दलों के 60 विधायक साथ हैं और राज्य में महागठबंधन आकार ले रहा है। हालांकि सरकार कब तक अस्तित्व में आ सकती है, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। अटकलें हैं कि अल्ताफ बुखारी महागठबंधन के मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
उधर, राजभवन के सूत्रों से 'माय नेशन' को पता चला है कि राज्यपाल असेंबली को भंग करने समेत सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। राज्य के मुख्य सचिव बीवी सुब्रह्ममण्यम दिल्ली गए हैं। उधर, भाजपा भी राज्य में सरकार बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। सूत्रों के अनुसार, विधानसभा में भाजपा के समर्थन वाले सज्जाद लोन भी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
इससे पहले, सूबे में राज्यपाल शासन की समयसीमा खत्म होने से ऐन पहले एक बड़ी राजनीतिक हलचल के बीच श्रीनगर में अल्ताफ बुखारी ने यह सीधा इशारा दिया कि तीनों पार्टियों का उनके नाम पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। माना जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बीच मतभेद के चलते दोनों नेताओं के नाम पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
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सूत्रों की मानें तो भाजपा के खिलाफ खड़े हो रहे इस महागठबंधन को अपने पास 60 विधायकों के समर्थन का भरोसा है। अगर इन आंकड़ों के अनुसार भाजपा के खिलाफ महागठबंधन के पास दो तिहाई से ज्यादा बहुमत है।
उधर, इससे पहले, बुधवार सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, 'हम सभी दलों का यह कहना था कि क्यों न हम इकट्ठे हो जाएं और सरकार बनाएं। अभी वो स्टेज सरकार बनाने वाली नहीं हैं। एक सुझाव के तौर पर बातचीत अभी चल रही है।'
Hum parties ka yeh kehna tha ki kyu na hum ikatthe ho jaye aur sarkar banaye. Abhi vo stage sarkar banne wali nahi hai,ek sujhaav ke taur par baatcheet abhi chal rahi hai: Ghulam Nabi Azad, Congress on potential Congress-PDP-NC alliance pic.twitter.com/QqahukNrXp
— ANI (@ANI) November 21, 2018
राज्य में 87 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2015 में हुए चुनाव में भाजपा को 25, पीडीपी को 28, नेशनल कांफ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12 और अन्य को सात सीटें मिली थीं। सरकार बनाने के लिए किसी भी गठजोड़ को 44 सीटें चाहिए।
Last Updated Nov 21, 2018, 5:32 PM IST