नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का चुनाव आठ फरवरी को होना है और सभी दलों के प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिया है। लेकिन दिल्ली में 70 में 70 सीटों को जीतने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के सात बागी उसकी दिक्कतें बढ़ाएंगे। क्योंकि इन सात बागियों को भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने टिकट दिया है। हालांकि ये बागी पहले ये आरोप लगा चुके हैं कि आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने टिकट बेचा है।

फिलहाल आम आदमी पार्टी के लिए इस बार दिल्ली फतह करना आसान नहीं है। भाजपा और कांग्रेस भी मजबूती से लड़ है। लेकिन सत्ताधारी आप को भाजपा और कांग्रेस के साथ ही अपने बागियों से भी जूझना पड़ रहा है। जो पार्टी के विजय पथ को रोक सकते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 16 विधायकों के टिकट काट दिए थे। जिसमें से सात विधायक बागी हो गए हैं और उन्होंने दूसरे दलों का दामन थाम दिया है।

हालांकि इससे पहले पार्टी के कुछ अन्य विधायक दूसरे दलों में चले गए थे। आप ने इस बार अपने 45 विधायकों को ही मैदान में उतारा है जबकि 16 विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इसमें से कुछ विधायकों ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर टिकट बेचे जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी से अलविदा कह दिया है। वहीं टिकट कटने से नाराज नेता भी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ माहौल बना सकते हैं। फिलहाल  आप ने जिन विधायकों को टिकट नहीं दिए उनमें से सात दूसरे दलों से ताल ठोक रहे हैं। हालांकि इससे पहले चार बागी विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था। वहीं एक विधायक ने कांग्रेस का दामन थामा था।

भाजपा ने आप के बागी विधायक और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को मॉडल टाउन से टिकट दिया है। वहीं अनिल वाजपेयी को भाजपा ने गांधी नगर सीट से प्रत्याशी बनाया है। हालांकि आप के दो अन्य बागी विधायक देवेंद्र सेहरावत और वेद प्रकाश पर भाजपा ने दांव नहीं खेला है। भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी आप के दो बागी विधायकों को टिकट दिया है। चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा को चांदनी चौक से औप आदर्श शास्त्री को द्वारका सीट से प्रत्याशी बनाया है।

वहीं दिल्ली कैंट से आप के विधायक सुरेंद्र सिंह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं तो दिल्ली की बदरपुर सीट से विधायक रहे एनडी शर्मा ने बसपा का दामन थाम लिया है। बसपा ने एनडी शर्मा को बदरपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है। शर्मा ने भी पार्टी नेतृत्व पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही आप विधायक जगदीप सिंह के साथ ही सीलमुर सीट से विधायक हाजी मोहम्मद इशराक पार्टी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने 67 सीटें जीती थी।