मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने बड़ा खुलासा किया है कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी ने शिवसेना के साथ सरकार क्यों बनाई। हालांकि इससे पहले कांग्रेस भी ये दावा कर चुकी है कि मुस्लिमों के कहने पर कांग्रेस ने शिवसेना से हाथ मिलाया। वहीं अब एनसीपी नेता शरद पवार का दावा है कि उन्होंने मुस्लिमों के हितों के लिए शिवसेना से हाथ मिलाया है। हालांकि पवार के इस बयान के बाद भाजपा शिवसेना पर आक्रामक हो सकती है और उसका कट्टर हिंदुत्व का वोट बैंक उससे खिसक सकता है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने उनसे कहा था कि अगर एनसीपी राज्य में शिवसेना के साथ हाथ मिलाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। क्योंकि अल्पसंख्यक भाजपा को सत्ता से दूर रखना चाहते थे। लिहाजा एनसीपी ने शिवसेना के साथ सरकार बनाई। हालांकि पवार का ये बयान उनके लिए ही मुश्किलें पैदा कर सकता है वहीं इससे शिवसेना की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती हैं। क्योंकि दो दिन पहले ही कांग्रेस के नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री अशोक चाह्वण ने कहा था कि मुस्लिमों के कहने पर ही कांग्रेस ने शिवसेना से हाथ मिलाया था।

जिसके बाद भाजपा ने आक्रामक होकर कांग्रेस को सलाह दी थी कि उसे अब पार्टी का नाम मुस्लिम लीग कांग्रेस कर लेना चाहिए। फिलहाल पवार का ये बयान शिवसेना के लिए मुसीबत लेकर आ सकता है। क्योंकि शिवसेना हिंदुत्व की राजनीति करती आई है। लिहाजा राज्य के अल्पसंख्यक वोट को हासिल करने के चक्कर में उसका बहुसंख्यक वोट बैंक प्रभावित हो सकता है। 

पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग की बैठक में पवार ने दावा किया कि शिवसेना के साथ संभावित तालमेल के बारे में महाराष्ट्र के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के लोगों से सलाह मांगी गई थी। पवार का कहना है कि अल्पसंख्यक, विशेष तौर पर मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देता है और ये वर्ग जब वोट करता है किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए करता है। गौरतलब है कि राज्य में शिवसेना की अगुवाई में कांग्रेस और एनसीपी की सरकार चल रही है और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर पर पिछले साल 28 नवम्बर में शपथ ली थी।