दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में इस बात की आशंका बढ़ती जा रही है कि उनके अलग-अलग लड़ने से भाजपा को फायदा हो सकता है। यही वजह है कि तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बावजूद दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने शनिवार को पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की।

सूत्रों के मुताबिक, इसमें दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हुई। एआईसीसी सूत्रों के अनुसार, 'सोनिया गांधी और दीक्षित के बीच मुलाकात के दौरान गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा हुई और सोनिया ने उनसे कांग्रेस और आप के बीच मतों के विभाजन से भाजपा के लिए चुनावों में जीत का रास्ता बनने के परिणाम पर विचार करने को कहा है।' 

हालांकि मुलाकात के बाद शीला दीक्षित ने इस बात को खारिज कर दिया कि मुलाकात के दौरान सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर किसी तरह की चर्चा हुई। दीक्षित से जब पूछा गया कि क्या सोनिया गांधी के साथ मुलाकात के दौरान गठबंधन का मुद्दा उठा था, उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद हुआ आप के साथ गठबंधन न करने का फैसला अब भी बरकरार है।' 

इस बीच, दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, 'शीला दीक्षित सोमवार को प्रस्तावित हमारे बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए सोनिया गांधी को निमंत्रण देने गई थीं और यह एक अफवाह है कि गठबंधन पर चर्चा हुई जिसे पहले ही खारिज किया जा चुका है।' 

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के एक और कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलौठिया ने कहा कि सोनिया गांधी पहले ही कह चुकी हैं कि पार्टी से संबंधित मसलों पर अध्यक्ष फैसला लेंगे। उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में वह गठबंधन के मुद्दे पर कैसे राहुल गांधी के विरोधाभासी कुछ कह सकती हैं।'