मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने सबसे बड़ा दांव खेल दिया है। भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह राज्य में सरकार नहीं बनाएगी। लिहाजा भाजपा के इस दांव से शिवसेना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है। जबकि कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह विपक्ष में बैठेगी। लिहाजा माना जा रहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।

शनिवार को ही राज्यपाल ने भाजपा को सबसे बड़े दल होने के नाते राज्य में सरकार बनाने का न्योता दिया था। राज्यपाल ने भाजपा को सोमवार तक का समय दिया था। लेकिन आज भाजपा ने राज्यपाल को जानकारी दी है कि वह राज्य में सरकार नहीं बना सकती है क्योंकि उसके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। जिसके बाद राज्य में शिवसेना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि शिवसेवा दावा कर रही थी कि वह राज्य में सरकार बनाएगी और भाजपा के बाद अपना दावा पेश करेगी।

लेकिन अभी तक शिवसेना की अगुवाई में कौन कौन शामिल होगा। ये तय नहीं है। क्योंकि कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उसके पास विपक्ष में बैठने का जनादेश है। लिहाजा वह सरकार में शामिल न होकर विपक्ष में बैठेगी। लिहाजा ऐसे में शिवसेना के पास भी सरकार बनाने का जरूरी आंकड़ा नहीं है। हालांकि राज्य में कांग्रेस के 44, शिवसेना के 56 और एनसीपी के 54 विधायक हैं। इसी आंकड़े को लेकर शिवसेना राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रही थी। 

गौरतलब है कि राज्य में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद से ही दोनों दल सीएम के पद को लेकर अड़े हुए हैं। लिहाजा राज्य में अभी तक सरकार नहीं बन पायी है। हालांकि राज्य में 9 नवंबर को ही विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो गया था। लिहाजा राज्यपाल ने भाजपा को बड़े दल होने के नाते सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन आज भाजपा ने राज्यपाल को जानकारी दे दी है।

वह सरकार नहीं बना सकती है। अभी भी शिवसेना ढाई-ढाई साल के सीएम पद पर अड़ी हुई थी। सरकार न बनाने के फैसले के बाद भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है। हम सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।