उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी यादव परिवार के बीच आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार शब्दों के तीर चलने शुरू हो गए हैं। पिछले साल मुलायम सिंह के अखिलेश के प्रति तल्ख शब्दों के प्रयोग के बाद उनके चाचा और बागी सपा विधायक शिवपाल ने भी अखिलेश के खिलाफ तल्ख शब्दों का प्रयोग किया है। शिवपाल ने अखिलेश के लिए कहा कि जिसने बाप को बाप नहीं समझा और चाचा को चाचा नहीं समझा, उस पर कैसे भरोसा किया जाए। इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि यादव परिवार में दो साल से चल रही तनातनी फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है।

समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) बनाने वाले सपा के बागी विधायक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। शिवपाल ने एक महीने पहले ही लखनऊ में एक बड़ी राजनैतिक रैली का आयोजन किया था और इस रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव और उनकी बहू अपर्णा यादव ने भी हिस्सा लिया था। लेकिन इस महीने ही सपा और बसपा के बीच गठबंधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने सपा प्रमुख पर तीखा हमला बोला है। शिवपाल ने कहा कि जिसने बाप को बाप नहीं समझा और चाचा को चाचा नहीं समझा, उस पर कैसे भरोसा किया जाए।

इससे पहले ही मुलायम सिंह यादव भी अखिलेश के बारे में तीखे शब्दों का प्रयोग कर चुके हैं। मुलायम ने कहा था कि जो पिता नहीं हुआ तो वह किसी का क्या होगा। अब शिवपाल के बाद बयान के राज्य की राजनीति गर्माने लगी है। अब माना जा रहा है कि अखिलेश की तरफ से कोई बड़ा बयान जरूर आएगा। क्योंकि अखिलेश भी शिवपाल के लिए आस्तिन के सांप के जैसे शब्द का प्रयोग कर चुके हैं। उधर फिरोजाबाद में शिवपाल ने अखिलेश को बबुआ बताते हुए कहा कि इस बबुआ ने तो अपने बाप को भी धोखा दिया है. तो वहीं बुआ (मायावती) ने कभी जिसे भाई बनाया था उस बीजेपी को धोखा दिया है। शिवपाल ने कहा कि मैंने अखिलेश के लिए क्या-क्या नहीं किया।  जिसने बाप को बाप नहीं समझा,चाचा को चाचा नहीं समझा उस पर कैसे भरोसा किया जाए। शिवपाल ने दावा किया कि चुनाव के बाद केंद्र में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बिना कोई दल सरकार नहीं बना सकेगा।

शिवपाल ने सपा-बसपा गठबंधन पर कहा कि बसपा ने सपा को झटका देकर तीन बार भाजपा के सहयोग से सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह को ‘‘गुण्डा’, सपा को गुण्डों की पार्टी तथा उन्हें दुराचारी बताने वाले दल के साथ गठबंधन पिता और चाचा का साफ अपमान है। शिवपाल के फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ने के ऐलान करने से इसे अखिलेश यादव के लिए सीधे तौर पर चुनौती माना जा रहा है। क्योंकि इस सीट से अखिलेश के सबसे करीबी नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद है और रामगोपाल ने अपने बेटे को फिर से वहां से चुनाव लड़ाने के लिए अरसे से तैयारियां कर रखी है। फिरोजबाद में यादव वोटर काफी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।