भोपाल। राज्य में शिवराज सिंह चौहान सरकार के कैबिनेट विस्तार को आठ दिन से ज्यादा गुजर गए हैं। लेकिन मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। विभाग न मिलने से मंत्री परेशान हैं और कयास लगा रहे हैं कौन का विभाग मुख्यमंत्री उन्हें देंगे। वहीं राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की राजनीति को समझने वाले कह रहे हैं कि कई मुख्यमंत्री तो खेल नहीं कर रहे हैं। जबकि सीएम दिल्ली से आ चुके हैं और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर पार्टी आलाकमान से बातचीत कर रहे चुके हैं।

राज्य में कैबिनेट के विस्तार हुए आठ दिन से ज्यादा गुजर गए हैं और शिवराज सिंह सरकार के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। हालांकि सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि जल्दी ही मंत्रियों को उनके विभागों का वितरण किया जाएगा। राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अतिरिक्त उनके कैबिनेट में 33 मंत्री हैं और इसमें से 25 कैबिनेट मंत्री हैं जबकि आठ मंत्री राज्यमंत्री हैं। वहीं दो जुलाई को जब 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी तब उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही विभागों का बंटवारा किया जाएगा। लेकिन अभी तक राज्य में मंत्री बगैर विभागों के लिए घूम रहे हैं। शिवराज सिंह कैबिनेट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 11 मंत्री भी हैं लिहाजा माना जा रहा कि सिंधिया गुट की तरफ से मंत्रियों को महत्वपूर्ण पद दिए जाने को लेकर दबाव है।

वहीं राज्य मंत्रियों को राज्य में स्वतंत्र प्रभार की मांग की जा रही है। फिलहाल सिंधिया गुट की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय नेतृत्व के तमाम नेताओं को इसकी जानकारी दे चुके हैं। वहीं आलाकमान भी राज्य में 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए सिंधिया गुट को नाराज नहीं करना चाहता है। हालांकि पिछले दिनों दिल्ली से लौटने के बाद सीएम चौहान ने जल्दी ही विभागों के बंटवारे की बात कही थी। लेकिन अब तक मंत्रियों के विभागों का वितरण नहीं हो पाया है। 

कांग्रेस ने साधा निशाना

उधर राज्य में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा न होने को लेकर कांग्रेस राज्य सरकार पर निशाना साध रही है। राज्य के पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी का कहना है कि शिवराज सरकार में  विभाग बंटवारे को लेकर खींचतान है और हर कोई मलाईदार विभागों के लिए लड़ रहा है।