कई दिनों मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज की नाराजगी पार्टी ने दूर कर दी है। अब ये तय हो गया है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के प्रचार का पूरा दायित्व शिवराज सिंह के हाथ में होगा। राज्य के ज्यादातर नेता उनके तहत ही लोकसभा चुनाव में प्रचार करेंगे। शिवराज की चुनावी रैलियों की रणनीति तैयार करेंगे और वही तय करेंगे कि कौन नेता रैलियों में प्रचार करेंगे। 

बीजेपी हाई कमान ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के हाथ में राज्य के चुनाव की कमान सौंप दी है। शिवराज सिंह अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे थे और राज्य के बाहर पार्टी का प्रचार कर रहे थे लेकिन उन्हें राज्य से दूरी बनाई हुई थी। शिवराज की नाराजगी पार्टी को मंहगी न पड़ जाए इसलिए बीजेपी हाई कमान ने राज्य में चुनाव की प्रचार की की कमान उनके हाथ में सौंप दी है। राज्य में चुनाव की मानिटरिंग का काम राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल देखेंगे। जबकि राज्य के सभी नेता शिवराज सिंह के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगे।

शिवराज सिंह की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात हुई और इसके बाद ये फैसला लिया गया। अब एक बात साफ हो गयी है कि लोकसभा चुनाव को पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ही 'लीड' करेंगे। शिवराज चुनाव का नेतृत्व करने के साथ-साथ केंद्रीय संगठन के सहयोग खर्च का जिम्मा भी संभालेंगे। कहा जा रहा है कि राज्य में शिवराज सिंह की पकड़ और उनके संगठन के कौशल को देखते हुए ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लिया है।

गौरतलब है कि  29 अप्रैल को पहले चरण के मतदान होने हैं। इसके लिए अब शिवराज ही तय करेंगे कि इसके लिए कहां-कहां किसकी रैलियां होंगी।  शिवराज सिंह राज्य में रैलियों की शुरूआत शुक्रवार से शुरू करेंगे। असल में शिवराज सिंह राज्य से बाहर तो सभाएं ले रहे थे, जिसको भांपते हुए पार्टी ने ये बड़ा फैसला लिया है। अब ये तय हो गया है कि प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं को लोकसभा सीट के हिसाब से जिम्मा सौंपा जाएगा। जबकि शिवराज सिंह भोपाल से लेकर जमीन स्तर चीजों पर नजर रखेंगे।