असल में राज्य में नौ दिनों के बाद भी मंत्रियों को उनके विभागों का दायित्व नहीं मिला था। इसको लेकर राज्य में सियासी हलचल थी। वहीं माना जा रहा था कि सात जुलाई को दिल्ली से लौटने के बाद चौहान कैबिनेट के सहयोगियों का बंटवारा कर देंगे।
भोपाल। मध्य प्रदेश में आखिरकार एक हफ्ते से ज्यादा समय के बाद शिवराज सिंह चौहान अपने कैबिनेट के मंत्रियों को उनके विभागों का दायित्य देंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह अपने कैबिनेट के सहयोगियों को रविवार को विभागों का आवंटन करेंगे। फिलहाल मंत्रियों को शपथ लेने के नौ दिन बाद विभागों का बंटवारा न होने के बारे में सवाल पूछने पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो मेरा काम है और आज ग्वालियर में कह रहा हूं और कल विभागों का बंटवारा कर दूंगा।
असल में राज्य में नौ दिनों के बाद भी मंत्रियों को उनके विभागों का दायित्व नहीं मिला था। इसको लेकर राज्य में सियासी हलचल थी। वहीं माना जा रहा था कि सात जुलाई को दिल्ली से लौटने के बाद चौहान कैबिनेट के सहयोगियों का बंटवारा कर देंगे। लेकिन इसके बावजूद राज्य में मंत्रियों को उनके विभाग नहीं दिए गए। वहीं सात जुलाई को शिवराज सिंह ने कहा कि वह वर्कआउट कर विभागों का बंटवारा जल्द कर देंगे। लेकिन इसके चार दिन बाद भी मंत्री खाली हाथ रहे और उन्हें विभागों की जिम्मेदारी नहीं दी गई।
राज्य में चौहान कैबिनेट का विस्तार हुआ था और इसमें 28 मंत्रियों को शामिल किया गया था। कैबिनेट विस्तार में ज्यादातर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के थे। कैबिनेट में सिंधिया गुट के 12 मंत्रियों ने शपथ ली थी। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे और इसके बाद राज्य में मार्च के महीने में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में भाजपा ने सरकार बनाई।
हालांकि शिवराज सिंह कैबिनेट में पहले से ही सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत मौजूद हैं। वहीं कमलनाथ की सरकार गिराने वाले 22 बागी विधायकों में से 14 बागियों को मंत्री बनाया गया है। फिलहाल ये विधायक नहीं है और राज्य में विधानसभा के उपचुनाव होने हैं।
Last Updated Jul 11, 2020, 6:30 PM IST