जयपुर। राजस्थान में सियासी संकट जारी है। राज्य के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद राज्य में  सियासी संकट जारी है और पायलट अपने साथ 25 से ज्यादा विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं। जबकि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं उनकी सरकार सुरक्षित है और उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है।  लेकिन इसी बीच राज्य में  राजस्थान सरकार में सहयोगी भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने  राज्य के सीएम अशोक गहलोत मुश्किलों को बढ़ा दिया है। बीपीटी ने कहा कि सदन में विश्वासमत के दौरान उनके दो विधायक गैर-हाजिर रहेंगे और इसके लिए पार्टी ने दोनों विधायकों को पत्र लिखा है। हालांकि पार्टी के इन दोनों विधायकों ने गहलोत सरकार का समर्थन किया था।

फिलहाल राज्य में सीएम निवास पर विधायक दल की बैठक के बाद अशोक गहलोत ने 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। सीएम गहलोत का कहना था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार सुरक्षित है और राज्य में कांग्रेस सरकार को किसी भी तरह का खतरा नहीं हैं। हालांकि कांग्रेस ने सरकार को बचाने के लिए केन्द्र से नेताओं को वहां भेजा था। वहीं सीएम आवास पर बैठक के बाद विधायकों को रिसार्ट में ले जाया गया है। ताकि पायलट गुट में और ज्यादा विधायक शामिल न हो सके। उधर भाजपा ने कहा कि राज्य के सीएम अशोक गहलोत के पास अगर बहुमत है तो उन्हें तुरंत फ्लोर टेस्ट कराना चाहिए। लेकिन वह सरकार को सुरक्षित करने के लिए विधायकों को रिजॉर्ट में ले जा रहे हैं।

सरकार को बचाने को प्रियंका हुई सक्रिय

राज्य में कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस महासचिव पहली बार सामने आई हैं। अभी तक प्रियंका केवल उत्तर प्रदेश के मामलों में शामिल होती थी।  लेकिन पहली बार उन्होंने राजस्थान के मामले में दखल दिया है। कांग्रेस का दावा है कि कांग्रेस के नेता राहुल और प्रियंका लगातार सचिन पायलट को मनाने  का प्रयास कर रहे हैं।