पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा प्रकरण के बाद आज अपना इस्तीफा राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेज दिया है। हालांकि कल ही सिद्धू ने ट्वीट पर इसका खुलासा किया था कि उन्होंने 10 जून 2019 को कांग्रेस के अध्‍यक्ष राहुल गांधी इस्‍तीफा भेजा था। लेकिन मुख्यमंत्री के बजाय पार्टी अध्यक्ष को इस्तीफा भेजे जाने से हुई किरकिरी के बाद आज उन्होंने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजा है।

लोकसभा चुनाव के बाद सिद्धू और कैप्टन के बीच तनातनी चल रही थी। कैप्टन ने लोकसभा में हार के लिए सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन इसी बीच कैप्टन और सिद्धू के बीच चली लड़ाई के बीच  उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी कूद गयी। नवतोज कौर ने कैप्टन पर आरोप लगाया कि उनका टिकट कैप्टन ने दबाव में कटवाया था। लेकिन कैप्टन का कहना था कि उन्होंने पार्टी को उनका नाम भेजा था, लेकिन किसको टिकट देना है ये पार्टी ने तय किया था। लिहाजा ये लड़ाई चलती रही।

इसी बीच सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें एक पत्र दिया। लिहाजा ऐसा माना जा रहा है कि जो पत्र  राहुल गांधी को सिद्धू ने दिया था वह उनका इस्तीफा था। जिसे उन्होंने कल सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। अब सीधे सिद्धू ने कैप्टन को इस्तीफा भेजा है। फिलहाल सिद्धू के इस्तीफे से कैप्टन ने राहत की सांस ली है।

फिलहाल चंडीगढ़ में मुख्‍यमंत्री कार्यालय ने उनके इस्तीफे की पुष्टि की है। हालांकि कल सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सिद्धू को पार्टी में आने का न्योता दे दिया है। पार्टी का कहना है कि अगर सिद्धू पार्टी में आना चाहते हैं तो वह आ सकते हैं। आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू का साफ सुथरा राजनैतिक कैरियर रहा है और उनके आने से पार्टी को पंजाब में मजबूत मिलेगी। वहीं कांग्रेस में सिद्धू को राष्ट्रीय राजनीति में लाने की बात चल रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि सिद्धू को पार्टी संगठन में अहम पद दिया जा सकता है।ताकि पंजाब कांग्रेस में किसी भी तरह की बगावत न हो।