नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के मामले में कांग्रेस नेता सुष्मिता देव के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गाइडलाइन बनाने की मांग की। 

उन्होंने अदालत से कहा कि यह तय किया जाना चाहिए कि अगर किसी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला आयोग के पास आता है तो उसके लिए समय तय होना चाहिए कि उसका निपटारा कितने दिन में हो। 

कांग्रेस के वकील ने आरोप लगाया कि शिकायतों को बिना बताए ही खारिज किया गया। जबकि ऐसे ही मामले दूसरों के खिलाफ भी दायर किये गये थे जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई। 
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई करने के लिए 8 मई की तारीख तय की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से 6 मई तक मामलों का निपटारा करने का आदेश दिया था। 
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव को कहा है कि वह चुनाव आयोग द्वारा मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट देने वाले आर्डर की कॉपी कोर्ट के समक्ष पेश करे।

सुष्मिता देव की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा था कि चुनाव आयोग ने 31 दिन में पीएम मोदी के खिलाफ सिर्फ दो मामलों का निपटारा किया है। उन्होंने कहा था कि अगर इसी रफ्तार से सुनवाई चलती रही तो 250 दिनों से ज्यादा का समय लगेगा। 

अभिषेक मनु सिंघवी का आरोप है कि दूसरे लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग जल्दी कार्रवाई कर रहा है लेकिन मोदी-शाह के खिलाफ कार्रवाई नही हुई। 

उधर चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता के तीन मामलों में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दिया है। जिसपर कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार करना चाहिए, क्योंकि उसकी बैठक चल रही है। उनका फैसला आने के बाद इस पर सुनवाई करेंगे।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुची थी। पार्टी सांसद सुष्मिता देव ने याचिका दाखिल कर मोदी-शाह के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर 24 घंटे के अंदर फैसला करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।