पिछले साल दिसंबर में बुलंदशहर में हुई हिंसा और यूपी पुलिस के एसएचओ सुबोध कुमार की हत्या में नामजद योगेश राज को यूपी पुलिस ने क्लीन चिट देने की तैयारी कर ली है। पुलिस द्वारा की चार्जशीट में योगेश राज का नाम शामिल नहीं है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में 38 लोगों को नामजद किया था और इसमें से 5 पर सुबोध कुमार की हत्या का आरोप है। हालांकि एसआईटी ने योगेश पर लोगों को एकत्रित करने और दंगा भड़काने का आरोप लगाया है।

यूपी पुलिस के सुबोध कुमार की हत्या और उसी दौरान ही हिंसा के मामले में करीब दो महीने बाद स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि चार्जशीट में 38 लोगों के नाम शामिल हैं। लेकिन इसमें योगेश राज का नाम शामिल नहीं है। पुलिस ने 33 लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य आरोपी माने जा रहे स्थानीय बजरंग दल नेता योगेश राज उन पांच लोगों में शामिल नहीं हैं। जिन पर एसएचओ की हत्या का आरोप है। गौरतलब है कि दिसंबर में बुंलदशहर में हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज आखिरकार 31 दिनों के बाद यूपी पुलिस की गिरफ्त में आया था।

यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर में योगेश को मुख्य आरोपी बनाया था। असल में तीन दिसंबर को बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद हिंसा भड़की गयी थी और इसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्थानीय निवासी की मौत हो गयी थी। यूपी पुलिस के मुताबिक योगेश को खुर्जा के पास किसी जगह से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले योगेश राज की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि ये भी कहा जा रहा था कि पुलिस योगेश राज को क्लीन चिट देने की तैयारी कर रही थी। इससे पहले पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के हत्या के मामले में प्रशांत नट और कलुआ को गिरफ्तार किया था लेकिन पुलिस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोपी नंबर एक योगेश राज था।

इस हिंसा के लिए योगेश राज के साथ ही शिखर अग्रवाल को भी मुख्य आरोपी बनाया गया था। हालांकि एसआईटी की चार्जशीट में योगेश राज पर दंगा भड़काने और गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकठ्ठा करने का आरोप है। चार्जशीट के मुताबिक पांचों आरोपियों ने अपना जुर्म भी क़ुबूल किया है और इस मामले में कई और आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है।