बाराबंकी:  जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय से छह छात्राओं के भागने की खबर से हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिला प्रशासन हरकत में आया और इन सभी छात्राओं को वापस विद्यालय लाया गया। यह सभी भागने के बाद एक छात्रा के घर पर ही रुकी थीं। वहीं पकड़े जाने पर इन छात्राओं ने वार्डन पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसके चलते वह लोग यहां से भागी थीं। जबकि प्रशासन छात्राओं के आरोपों से इनकार कर रहा है। 

यह मामला जहांगीरबाद थाना क्षेत्र के मिश्रीपुर का है। जहां के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं अचानक गायब हो गईं। छात्राओं के गायब होने की खबर से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम ने बीएसए को मौके पर जाकर छात्राओं की जानकारी लेने का निर्देश दिया। बीएसए ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। जानकारी पर पता चला कि उन भागी हुई छात्राओं में से एक का घर जेवली गांव में है, जहां पर बाकी सभी छात्राएं भी रुकी हुई हैं। जहां से सभी छात्राओं को वापस विद्यालय लाया गया।

विद्यालय से भागी छात्राओं ने बताया कि उन लोगों से यहां की वार्डन शालिनी टायलेट में सफाई के साथ कपड़े झुलना, बर्तन धुलना और साफ-सफाई का काम कराया जाता है। उनका कहना है कि विद्यालय में पानी भी काफी गंदा आता है। जिसके चलते वह लोग यहां से भागी थीं। जबकि विद्यालय की वार्डन ने छात्राओं के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। इन लोगों से यहां कोई काम नहीं कराया जाता।

वहीं मामले में बाराबंकी के बीएस वीपी सिंह ने बताया कि उनको जानकारी मिली थी की विद्यालय की छह छात्राएं भाग गई हैं। मैंने स्कूल जाकर सीसीटीवी फुटेज चे किया। जानकारी करने पर पता चला कि भागी हुई छात्राओं में से एक लड़की मानसी पास में ही जेवली गांव की निवासी है। उसी के घर पर बाकी सभी छात्राएं रुकी हुई हैं। वहां जाकर मानसी के पिता बनवारी लाल से बात करके सभी छात्राओं को वापस विद्यालय लाया गया है। बीएसए ने बताया कि सभी छात्राओं का अभी एडमिशन हुआ है, इसलिये इन लोगों का अभी यहां मन नहीं लग रहा। धीरे-धीरे सब बच्चे ठीक हो जाएंगे। वहीं छात्राओं के आरोपों को बीएसए ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।