नई दिल्ली।  दुनिया अच्छी तरह से जानता है कि पाकिस्तान आतंकी देश है और दो दिन पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इसलिए ग्रे लिस्ट में रखा क्योंकि उनसे आतंकी संगठनों के खिलाफ अभी तक कार्यवाही नहीं की। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी एक बार फिर अपनी जुबान के फिसलने की वजह से दुनिया में घिर गए। उन्होंने दुनिया को संदेश दे दिया है कि पाकिस्तान आतंकियों को शहीद मानता है और एक और भूल के जरिये यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान सरकार आंतकियों के साथ खड़ी है।

असर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अपनी बयानबाजी के कारण देश को मुश्किलों में डाल देते हैं। इमरान खान को पीएम बने  तीन साल हो गए हैं और देश के हालात लगातार खराब हो रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में उनके बयान से दुनिया में चर्चा बनी हुई है। इमरान खान संसद में अपनी  सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे, लेकिन आतंक के खिलाफ को लेकर उन्होंने आतंकी संगठन अल कायदा के आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को ‘शहीद’ का दर्जा दे दिया। जिसके बाद न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि  दुनिया में  इमरान की आलोचना हो रही है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में एबटाबाद में दो मई 2011 को अमेरिकी नौसेना कमांडो ने ओसामा मार गिराया था।  इमरान खान  ने संसद में  अमेरिकी ऑपरेशन का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिकी हेलीकॉप्टर आते हैं और ओसामा को ‘शहीद’ कर देते हैं। असल में पाकिस्तान ने पहले कभी नहीं माना कि ओसामा पाकिस्तान में है। लेकिन जब अमेरिकी सैनिकों ने उसे मार गिराया तब पाकिस्तान ने इसे माना।  कहा जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ओसामा को पाकिस्तान में छिपा कर रखा था।

उधर इमरान खान की जुबान फिसलने के बाद पाकिस्तान में उनके खिलाफ सोशल मीडिया में मुहिम शुरू हो गई। पिछले साल अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान में पचास हजार से ज्यादा आतंकी मौजूद हैं। इसके बाद इमरान खान की वैश्विक मंचों पर आलोचना होने लगी है और पाकिस्तान की सेना ने भी इमरान खान को इस तरह के बयानों से बचने की सलाह दी थी।